
उमरिया, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में पी.एस.एस. अर्थात समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शासन द्वारा की गई थी जिसको अलग-अलग गोदामों में भंडारीत करवाया गया था। ऐसा ही एक गोदाम गडरिया टोला में बनाया गया था, हालांकि पहले वहां ओपन कैप बनाया गया था बाद में प्रदेश सरकार ने बीओटी में 15 वर्षों का एग्रीमेंट कर निजी हाथों में सौंप दिया, जहाँ गोदाम बन गया और गुना जिले के रहने वाले अशोक सिंह रघुवंशी ने श्री दुर्गा ट्रेडिंग कम्पनी के नाम से गोदामीकरण का जिम्मा ले लिया। श्री दुर्गा ट्रेडिंग कम्पनी का कर्ता धर्ता विकास बर्मन को बनाया गया एवं जिले के सारे वेयर हउसों का नोडल डब्ल्यू एल सी उमरिया की प्रबंधक लक्ष्मी मराबी को बनाया गया है।
श्री दुर्गा ट्रेडिंग कम्पनी गड़रिया टोला वेयर हाउस में पिछले वर्ष का 19592 क्विंटल एवं चालू वर्ष का 34101 क्विंटल गेहूं भंडारित किया गया, इन सारे भंडारित गेहूं में इंदवार क्षेत्र की बहुत सी सहकारी समितियों का गेंहूँ रखा गया जिसमें खास कर गेंहू खरीदी के समय कोटरी समिति के खरीदी प्रभारी राजनीश दत्त तिवारी द्वारा वहीं गेंहूँ खरीदी किया गया था और वेयर हाउस के कर्ता धर्ता के साथ मिल कर गेहूं की रिसाईकिलिंग की गई तथा नोडल अधिकारी द्वारा कभी भी गोदाम का निरिक्षण नहीं किया गया जिसके चलते लगभग 5 हजार 1 सौ क्विंटल गेंहू एक करोड़ 50 लाख रूपये मूल्य का घुन गया और आटा फार्मेशन में आ गया।
इस मामले में उमरिया जिला नागरिक आपूर्ती निगम के जिला प्रबंधक संजय सिंह ने बताया कि श्री दुर्गा ट्रेडिंग कम्पनी गड़रिया टोला के गोदाम में हमारा 510 मिट्रिक टन अर्थात 5100 क्विंटल गेहूं घुन गया है जो आटा फार्मेशन में पाया गया साथ ही कीड़े लगे पाये गये हैं जिस पर हमने तत्काल कार्रवाई करते हुये वेयर हाउस मैनेजर को पत्र लिखा एवं उनको फोन करके भी बताया कि वह खुद जाएं और जाकर के वहां देखें और उसको अलग करवायें ताकि हमारे हितग्राही को अच्छा गेहूं मिल सके, इसकी रिकवरी के लिए हमने पत्र लिखा है और उनके स्टोरेज चार्ज को रोकने का आदेश दे दिया है और शत प्रतिशत राशि मय ब्याज के उनके किराए से एक करोड़ 50 लख रुपए की राशि काटी जाएगी और उनके द्वारा यदि ऐसी लापरवाही दोबारा बढ़ती जाएगी तो हम इनको ब्लैकलिस्टेड करेंगे।
गौरतलब है कि वेयर हाउस प्रबंधक एवं नोडल अधिकारी की लापरवाही के चलते गरीबों के हिस्से का गेहूं घुन गया, यह तो एक गोदाम की जानकारी है आगे कितने गोदाम में यह स्थिति सामने आएगी अभी इसका पता नहीं है, हालांकि जिस तरह जबलपुर के तत्कालीन कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा सहकारी समितियों द्वारा की गई पी एस एस की ख़रीदी की जाँच करवाई गई और अरबों के घोटाले का पर्दाफाश हुआ यदि उसी तरह उमरिया जिले में भी जाँच करवाई जाय तो इंदवार क्षेत्र की समितियों में भी करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।
(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी
