
उत्तर प्रदेश, 20 जून जौनपुर (Udaipur Kiran) ।
अस्तित्व खो रही पीली नदी का जीर्णोद्धार हाे रहा है l सरकार की ओर से अस्तित्व खो रही नदियों को बचाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन रिवर के तहत अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत क्षेत्र में अस्तित्व से जूझ रही पीली नदी को भी उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए शामिल किया गया है। इसकी खोदाई का कार्य शुरू कराने के बाद इसके किनारे किनारे 51 हजार सर्वाधिक आक्सीजन देने वाले पौधे भी लगाए जाएंगे। अभियान के धरातल पर उतरने पर जल संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। बदलापुर तहसील क्षेत्र के बीचो-बीच गुजरने वाली लगभग 35 किमी लंबी पीली नदी जनपद की पश्चिमी सीमा पर स्थित डेहुड़ा गांव से शुरु होकर क्षेत्र के 40 गांवों से गुजरती हुई चक्शा ब्लाक के दरियावगंज गांव में जाकर आदि गंगा गोमती में समाहित हो जाती है। पीली नदी पुनरुद्धार का कार्य तीन स्थानों पर चल रहा है। जीर्णोद्धार के साथ-साथ नदी के दोनों किनारों पर 51 हजार ऐसे पौधे भी रोपे जाएंगे जो सर्वाधिक आक्सीजन देते हैं। इसका शुभारंभ 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर पीली नदी के किनारे स्थित अटल पार्क बहरा में ऊर्जा व प्रभारी मंत्री एके शर्मा 11 सौ पौधे लगाकर करेंगे, जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला अधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने पीली नदी के जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण किया l
इन पौधों का होगा रोपण पर्यावरण के संरक्षण के लिए पीली नदी के किनारे-किनारे 51 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसमे नीम, ढाक, पीपल, बरगद, गुलर पाकड़, बॉस चिलबिल सहित सर्वाधिक आक्सीजन के साथ-साथ पौराणिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण पौधों को शामिल किया गया है।
वन मंत्री को लिखा पत्र पौधों की उपलब्धता के लिए विधायक ने वन मंत्री को पत्र भी लिखा है। बदलापुर में पीली नदी जीर्णोद्वार के लिए बैंकहोलोडर से खोदाई कर दोनों किनारे पर पौधरोपण कराया जाएगा l
पौधारोपण के लिए दस दिन चलेगा अभियानविधायक बदलापुर रमेश चंद्र मिश्र ने बताया कि पीली नदी के जीर्णोद्धार के साथ-साथ पर्यावरण को भी संरक्षित किया जाएगा। दस दिन अभियान चलाया जाएगा। प्रतिदिन नदी के किनारे पौधारोपण किया जाएगा। साथ ही तटवर्ती गांवों में चौपाल लगाकर पीली नदी व पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अभियान में जुड़ने के लिए अपील किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र कुमार मिश्र
