



पश्चिम मेदिनीपुर, 05 नवंबर (Udaipur Kiran) । जिले के बेलदा क्षेत्र के मोयनापाड़ा में इस वर्ष भी श्रद्धा और भक्ति के साथ 500 वर्ष पुराना ऐतिहासिक रास उत्सव धूमधाम से मनाया गया। यह उत्सव स्थानीय परंपरा और जनआस्था का प्रतीक माना जाता है।
ग्रामवासियों का कहना है कि लगभग 500 वर्ष पूर्व श्री चैतन्य महाप्रभु मोयनापाड़ा पधारे थे और यहां के प्राचीन बरगद वृक्ष के नीचे एक रात विश्राम किया था। वैष्णव ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है, जिसके कारण यह स्थान आज भी भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
स्थानीय परंपरा के अनुसार, हर वर्ष एकादशी से पूर्णिमा तक विशेष पूजा-अर्चना, नगर संकीर्तन और नगर परिक्रमा का आयोजन किया जाता है। भक्तगण राधा-कृष्ण के भजनों के साथ हरिनाम संकीर्तन करते हुए पूरे क्षेत्र में शोभायात्रा निकालते हैं। रास नृत्य, झांकियां और भक्ति संगीत की मधुर ध्वनियों से पूरा मोयनापाड़ा क्षेत्र भक्तिमय हो उठता है।
मंगलवार को आयोजित इस वर्ष के रास उत्सव में हजारों श्रद्धालु दूर-दराज़ से पहुंचे। संध्या आरती, भक्ति संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भक्तों को भावविभोर कर दिया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे।
यह आयोजन न केवल बेलदा के मोयनापाड़ा की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जीवित रखता है, बल्कि चैतन्य महाप्रभु की भक्ति परंपरा और आध्यात्मिक संदेश को भी जन-जन तक पहुंचाता है।
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(Udaipur Kiran) / अभिमन्यु गुप्ता