
तामुलपुर (असम), 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । तामुलपुर में मलेरिया नियंत्रण के लिए जलाशय में 500 गम्बोसिया मछलियां छोड़ी गईं। तामुलपुर जिले में मलेरिया रोग के संक्रमण होने की संभावना वाले स्थानों पर मच्छरों के प्रजनन नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से 500 गम्बोसिया मछलियों के बच्चे जलाशय छोड़े गए हैं।
तामुलपुर जिला प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार गत मई माह के अंत में तामुलपुर जिले के भारत-भूटान सीमा पर लेबरा-शांतिपुर क्षेत्र में मलेरिया रोग के प्रकोप होने पर एक व्यक्ति की मौत हो गई और 24 लोगों के शरीर में मलेरिया बुखार के कीटाणु पाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि तामुलपुर जिला मलेरिया विभाग की निरंतर कोशिशों के चलते वर्तमान में यह पूरी तरह से नियंत्रण में है।
मलेरिया विभाग ने लेबरा-शांतिपुर के बाद सीमांत क्षेत्रों में जागरूकता सृजन के लिए जागरूकता सभा, गांववासियों की स्वास्थ्य जांच, औषधीय गुण वाले मच्छरदानी का वितरण, धुलाई, घर-घर स्वास्थ्यकर्मी के सर्वेक्षण, स्वास्थ्य जागरूकता, मलेरिया रोग के लक्षण, इसके उपचार, रोकथाम आदि के मद्देनजर लोगों को जागरूक करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
हाल ही में तामुलपुर जिले में मलेरिया रोग के संक्रमण के स्रोत पर मलेरिया मच्छर के प्रजनन को रोकने के लिए जलभराव वाली लेतेरा जलाशयों में गम्बोसिया मछली के बच्चे छोड़े गए गए हैं, जिससे मच्छरों के प्रजनन को रोका जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने आज बताया है कि बीते मंगलवार को तामुलपुर जिला मलेरिया रोग निरीक्षक गोपाल माली, एमपीडब्ल्यू प्रानजीत बोडो, मलेरिया निरीक्षक मोहन बोडो ने तामुलपुर जिला मुख्यालय बारैइगांव, बोरनगर, जिला आयुक्त कार्यालय के निकट क्षेत्र में जलभराव वाले जलाशयों में 500 मादा एनाफिलिस और जापानी एन्सेफलाइटिस मच्छर के लार्वा नष्ट करने के लिए गम्बोसिया मछली के बच्चों को छोड़ा गया है।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
