

रांची, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर है। इसी कड़ी में बुधवार को भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पार्ट-2 में भी लगातार टेंडर घोटाले और भ्रष्टाचार के जारी रहने का आरोप लगाया है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से निकाले गए टेंडर पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाते हुए इसे 50 करोड़ का घोटाला करार दिया। रांची के हरमू स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), रांची के कार्यालय की ओर से नर्सिंग, पैरामेडिकल और अन्य तकनीकी स्टाफ के लिए ई-टेंडर संख्या 4374, 20 सितंबर, 2025 को निकाला गया। इस टेंडर में ऐसी शर्तों को डाला गया, जिससे झारखंड की कोई स्थानीय कंपनी हिस्सा ही नहीं ले पाएगी।
प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री आदिवासी मूलवासी और झारखंडियत की बात करते हैं। लेकिन इस टेंडर के जरिए बिहार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम देने का षड्यंत्र किया जा रहा है। इससे पूर्व जब इसी सिविल सर्जन के कार्यालय ने 2022 में टेंडर निकला था, तब की अर्हता और अभी की अर्हता में लगभग पांच गुणा का इजाफा कर दिया गया है। यह सिर्फ बिहार की एक विशेष ब्लैकलिस्टेड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इसी टेंडर में 2022 में सिक्योरिटी मनी (ईएमडी) चार लाख रुपये रखा गया था। इस वर्ष बढ़ाकर उसे 15 लाख कर दिया गया। 2022 में टेंडर की अर्हता में सिंगल वर्क आर्डर का वैल्यू तीन करोड़ था। तीन वर्षों में इस बार इसे 15 करोड़ कर दिया गया है। ईसीआर की कॉपी 300 लोगों की आवश्यकता थी। इस वर्ष इसे 1500 कर दिया गया है। 2022 में निकाले गए टेंडर में पिछले तीन वित्तीय वर्ष का कंपनी का एवरेज टर्नओवर पांच करोड़ होने की आवश्यकता थी। इस बार इसे पांच गुना बढ़ाकर 25 करोड़ कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जिस कंपनी को ये टेंडर देने की कोशिश की जा रही है,उसे झारखंड के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने डिबार (किसी व्यक्ति या संस्था को किसी काम करने, किसी जगह जाने, या किसी सुविधा का उपयोग करने से आधिकारिक तौर पर रोकना, प्रतिबंधित करना या बहिष्कृत करना) किया है, लेकिन टेंडर में ब्लैकलिस्टेड कॉलम में सिर्फ यह लिखकर डाल दिया गया है कि जिस कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया है, वह एक अंडरटेकिंग देगी।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि इन सारी बातों से स्पष्ट है कि टेंडर को इस रूप में बनाया गया है कि झारखंड की कंपनी को कोई लाभ न हो। लाभ होना तो दूर की बात है, झारखंड की कोई कंपनी इसमें हिस्सा भी नहीं ले पाएगी। बिहार की एक विवादास्पद ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने के लिए अर्हता को बदल गया है। क्योंकि यही इन सारी अहर्ताओं को पूरा करती है। अब वह कंपनी मनमाने रेट पर टेंडर डालेगी और कमीशन ऊपर से नीचे तक सब जगह बंटेगा। भाजपा इस पूरे मुद्दे को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के सामने भी ले जाएगी।—————
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
