
मंदसौर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर सहित जिले में इन दिनों जमीनों पर कब्जा करने वाले खुलेआम सक्रिय हैं। अभी शुक्रवार को ही फर्जी रजिस्ट्री के मामले में तीन लोगों पर वायडी नगर पुलिस ने 420 में प्रकरण दर्ज किया था। वहीं अब शहर के बीचों-बीच स्थित पुराने बस डिपो की करीब 50 करोड़ रुपए मूल्य की शासकीय भूमि पर कब्जा इसका ताजा उदाहरण है। कुछ लोगों द्वारा डिपों की जमीन पर कब्जा कर लिया है और यहां मौजूद बालाजी मंदिर तक पर ताले जड़ दिए।
परिणामस्वरूप भक्तों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। यहां एक बैनर भी लगाया गया है जिसमें लिखा गया है कि न्यायालय के आदेश पर उक्त जमीन पर कब्जा दिलाया गया है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। वहीं उक्त जमीन जो कि पूर्व में बस डिपों की थी जिस पर मप्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारर्पोरेशन, मप्र राज्य परिवहन निगम पंजीकृत कार्यालय बैरागढ भोपाल के आधिपत्य था बाद में डिपों खत्म हुआ तो वर्तमान में इस पर राज्य परिवहन निगम का कब्जा था जिसके अधिकारी आरटीओ विरेन्द्र यादव ने भी बताया कि हमारे द्वारा कोई कब्जा नहीं दिलाया गया है, इस मामले में उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त किया जा रहा है। इस मामले में जिस व्यक्ति के द्वारा बैनर लगाया गया है फकीरचंद दयाराम सैनी उनके दिए नम्बर पर सम्पर्क किया गया तो उन्होने फोन रिसिव नहीं किया।
वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है कि कब्जाधारियों ने मंदिर बंद करने के साथ ही परिसर में लगे पुराने और हरे-भरे पेड़ों की कटाई भी शुरू कर दी है। इससे इलाके की हरियाली खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। पहले से ही शहर में पार्किंग और खुले स्थान की भारी कमी है, ऐसे में इस जमीन का अतिक्रमण होना शहरवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसकी शिकायत शहर कोतवाली थाने पर भी की गई है। जानकारी के अनुसार कोतवाली पुलिस ने भी इस मामले में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
कुछ समय पहले ही मंदसौर के बड़े अधिकारियों ने इस भूमि का निरीक्षण किया था और यहां पार्किंग सुविधा विकसित करने पर चर्चा भी हुई थी, लेकिन निरीक्षण के बाद कोई ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों के हौसले और बुलंद हो गए। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि इस भूमि को तुरंत कब्जे से मुक्त कराया जाए और बालाजी मंदिर को पुन: भक्तों के लिए खोला जाए। साथ ही हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है।
शहर के संसाधनों पर मंडरा रहा खतरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जमीन शहर के लिए महत्वपूर्ण संसाधन है। यदि इसका उपयोग सार्वजनिक हित में किया जाए तो पार्किंग, सामुदायिक भवन या अन्य उपयोगी सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं। मगर यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यहां स्थायी निर्माण हो जायेगा और करोड़ों की सरकारी जमीन हमेशा के लिए हड़प ली जाएगी।
यह कोई पहला मामला नहीं है। मंदसौर जिले के कई हिस्सों में भूमाफिया सक्रिय हैं और शासकीय भूमि पर धीरे-धीरे कब्जा जमा रहे हैं। प्रशासन ने यदि जल्द सख्त कदम नहीं उठाए तो यह समस्या आने वाले दिनों में और विकराल रूप ले सकती है।
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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया
