
नालंदा, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
जिले के आत्मा शासी परिषद की कार्यों की समीक्षा बुधवार को कृषि कार्यालय सभागार में की गई। समीक्षा के क्रम में डीएम द्वारा जिलेभर में आत्मा योजना अंतर्गत विभिन्न कैफेटेरिया में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये गये है।
कृषि समीक्षा में नवाचार गतिविधि, नगदी फसलों एवं उत्पादित फसल / उत्पाद का प्रसंस्करण एवं विपणन पर जोर देते हुए निर्देशित किया गया है कि कलस्टर आधारित योजना बनाकर क्रियान्वयन करायें जायें। कलस्टर आधारित योजनाओं का कार्यान्वयन कराते हुए मशरूम ग्राम एवं ड्रैगन फ्रूट ग्राम का निर्माण कराने का निदेश जिला कृषि पदाधिकारी, नालन्दा को दिया गया है। इस कार्य में जिला कृषि पदाधिकारी को सहयोग देने हेतु जिला उद्यान पदाधिकारी को भी निदेशित किया गया है।
उद्यान के क्षेत्र मे प्रगतिशील कृषकों एवं नवाचार हेतु कृषकों की सूची अबिलम्ब उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालन पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी एवं मत्स्यपालन पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र को निदेश दिया गया कि अपने-अपने क्षेत्र में नवाचार तकनीकों को विशेष महत्व देते हुए अपनी कार्य योजना में शामिल कर धरातल में उतारने का निदेश देते हुए सभी पदाधिकारियों को 20-20 सफलता की कहानी को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। वहीं दूसरी ओर जिला पशुपालन पदाधिकारी को निदेश दिया गया है कि कृषकों को नेशनल सीमन सेन्टर, बीएचयू, बनारस में प्रशिक्षण करवाने का भी निर्देश दिया गया है।
कार्यक्रम में उपस्थित किसान रिंकु देवी, ग्राम मिर्जापुर, प्रखंड परबलपुर से बात करते हुए उन्हें मछली पालन के साथ मोती की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया तथा उचित प्रशिक्षण कराने हेतु जिला कृषि पदाधिकारी को निदेशित किया गया है। जिले की कृषि योग्य भूमि का रकवा, कृषि योग्य बंजर भूमि का रकवा, पूरी तरह बंजर भूमि का रकवा संबंधी प्रतिवेदन तैयार करने का निदेश दिया गया है। कृषि योग्य बंजर भूमि किस तरह उपजाऊ / कृषि योग्य भूमि के रूप में परिर्वतित किया जा सकता है, इस संबंध में कार्य योजना तैयारी करने की अपील की गई है।
प्रारंभ में किसानों को कृषि के आधुनिक एवं नई तकनीकों को अपनाने में असमंजस एवं असुविधा होना स्वाभाविक है। निदेश दिया गया कि इसके लिए किसानों को जागरूक किया जाय। साथ ही किसानों को कृषि के क्षेत्र में आधुनिक एवं नई तकनीकों का उपयोग से होने वाले फायदे से किये जा रहे कृषि कार्य स्थल का भ्रमण कराया जाय एवं प्रशिक्षण दिलाने पर जोर दिया गया है।
किसानों को पारम्परिक फसल के साथ-साथ व्यावसायिक / कैश क्रॉप फसल लगाये जाने के लिए और किसानों को अत्यधिक आय प्राप्त के लिए एक रणनीति भी तैयार की गई है। इस कार्यक्रम में आत्मा द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों पर सहमति प्रदान करते हुए 443.169 लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे
