
न्यायिक अधिकारियों की ईमानदारी के मापदंडों पर अपने क्षेत्र की समीक्षा करेंगे
जोधपुर, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट के सभी 42 जजों को विभिन्न जिलों और न्याय क्षेत्रों की गार्जियनशिप (अभिभावकत्व) की जिम्मेदारी दी गई है।
चीफ जस्टिस केआर. श्रीराम के आदेश के अनुसार सभी न्यायाधीश संबंधित जिले में न्यायिक अधिकारियों की कार्यशैली और ईमानदारी के मापदंडों पर अपने क्षेत्र की समीक्षा करेंगे। समय-समय पर मुख्य न्यायाधीश को जानकारी देंगे। इसके लिए जज अपने क्षेत्र के दौरे की पूर्व सूचना भी मुख्य न्यायाधीश को देंगे। ताकि कोर्ट के मुख्य कार्यों पर कम से कम प्रभाव पड़े।
बता दे कि गार्जियनशिप न्यायक्षेत्र का मतलब होता है कि किसी बड़े न्यायालय (जैसे- हाईकोर्ट) के एक-एक जज को राज्य के अलग-अलग जिलों के कोर्ट की देखरेख और मार्गदर्शन की जिम्मेदारी देना। इसमें गार्जियन जज अदालतों का कामकाज, ईमानदारी और कार्यक्षमता पर नजर रखते हैं। अगर किसी इलाके में अदालतों से जुड़ी कोई समस्या है। न्याय की गुणवत्ता सुधारनी है, दिशा-निर्देश देने हैं। गार्जियन जज वहां के अधिकारियों को सलाह देंगे। जरूरी जानकारी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजेंगे। इससे पूरे राज्य की न्यायिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहती है। आदेश के अनुसार, पूर्व में कुछ न्यायाधीशों के रिटायर होने, स्थानांतरण और पदोन्नति के कारण गार्जियनशिप के लिए न्याय क्षेत्रों का पुन: आवंटन किया गया है। ऐसे में पुराने सभी आदेश निरस्त माने जाएंगे। पांच अगस्त को जारी यह नया आदेश तत्काल लागू हो गया है।
(Udaipur Kiran) / सतीश
