शिमला, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कई विभागों और निगमों से जुड़े अहम तथ्यों की लिखित जानकारी दी। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने बताया कि प्रदेश के 30 बोर्डों और निगमों में से तीन बोर्डों-निगमों में 417 पद समाप्त किए गए हैं। इनमें नगर निगम शिमला में 52, हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड में 28 और सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड में 337 पद खत्म किए गए। सरकार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटेड में कुल 24,866 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 10,375 पद खाली पड़े हैं। युक्तिकरण की प्रक्रिया के बाद 337 पदों को समाप्त किया गया है। इससे बोर्ड में कार्यबल की भारी कमी का संकेत मिलता है।
पुलिस कर्मियों को एक अतिरिक्त माह का वेतन
कांगड़ा के विधायक पवन कुमार काजल के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि प्रदेश में आरक्षी से लेकर निरीक्षक तक के पुलिस कर्मियों को एक अतिरिक्त माह का वेतन 1 अक्तूबर 2012 से पूर्व के वेतनमान के आधार पर दिया जा रहा है। सरकार ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर पुलिस विभाग को नया वेतनमान देने पर वित्त विभाग से विचार-विमर्श करके उचित निर्णय लिया जाएगा।
दो साल में 23 हजार से ज्यादा अवैध खनन मामले
इंदौरा के विधायक मलेंद्र राजन और सुंदरनगर के विधायक राकेश जंबाल के सवाल के लिखित जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बीते दो वर्षों में प्रदेश में अवैध खनन के 23,429 मामले पकड़े गए। इन मामलों में दोषियों से करीब 15 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
करूणामूलक नौकरियों के 1609 मामले लंबित
भाजपा विधायकों जीत राम कटवाल, विपिन सिंह परमार और पवन कुमार काजल द्वारा पूछे गए सवालों पर सरकार ने बताया कि बीते तीन वर्षों में विभिन्न विभागों में करूणामूलक आधार पर रोजगार से जुड़े कुल 1609 मामले लंबित हैं। इनमें सबसे ज्यादा 544 मामले जलशक्ति विभाग में, 264 लोकनिर्माण विभाग में, 172 उच्च शिक्षा में, 146 गृह विभाग (पुलिस) में और 89 प्राथमिक शिक्षा विभाग में लंबित हैं।
सरकार ने यह भी बताया कि 30 नवंबर 2023 तक कुल 180 नियुक्तियां की गईं। इनमें से सबसे ज्यादा 108 नियुक्तियां जलशक्ति विभाग और 48 लोकनिर्माण विभाग में दी गईं। सरकार ने साफ किया कि इन मामलों का निपटान नीति अनुसार लगातार किया जा रहा है और एकमुश्त समाधान का कोई विचार नहीं है।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
