Uttar Pradesh

कुशीनगर में आकर्षण का केंद्र बना 400 वर्ष पुरानी टोपियरी कला का गार्डेन

थाई बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्री स्थित गॉर्डन

– रॉयल थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री में पहुंच रहे पर्यटक

कुशीनगर, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय महत्व के बौद्ध तीर्थ स्थली कुशीनगर के रॉयल थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री में स्थित 400 वर्ष पुराना टोपियरी कला का गार्डेन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस गार्डेन में थाईलैंड के कलाकारों ने सीहोर नामक पौधों को विभिन्न पशु, पक्षियों की कलाकृतियां की तरह काट-छांटकर हाथी, घोड़ा, ऊंट, हिरन, मोर, बत्तख, तोता, मुर्गा आदि की आकृति बनाई गई हैं, जिसे देखने पर लगता है वह अभी बोल पड़ेंगी।

टोपियरी कला लगभग चार सौ वर्ष पुरानी है। 17वीं सदी के आसपास चीन, जापान, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली आदि देशों में गार्डेन को मास्टर पीस आकृतियों से सजाया जाता था। यह कला प्राचीन मिस्र में विकसित हुई थी। भारत में अंग्रेज शासक पीटर के शासनकाल के बाद से शहरों के पार्कों और उद्यानों को इसी तरह सजाया गया था।

रॉयल थाई मोनास्ट्री के पीआरओ अंबिकेश त्रिपाठी ने बुधवार काे बताया कि कुशीनगर का गार्डेन थाई बौद्ध भिक्षुओं के निर्देशन में जंगलों से लाए गए सीहोर नामक पौधों से विकसित किया गया है। इस तरह के गार्डेन थाईलैंड के सभी मोनास्ट्रीज में विकसित हैं। थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री दर्शन करने आने वाले लगभग सभी पर्यटक टोपियरी गार्डेन अवश्य देखते हैं।

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(Udaipur Kiran) / गोपाल गुप्ता

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