
शिमला, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बारिश का कहर जारी है और परिवहन, बिजली व पेयजल आपूर्ति पर खासा असर पड़ रहा है। बुधवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन से 2 नेशनल हाइवे व 383 सड़कें बंद रहीं। मंडी और सिरमौर ज़िलों में एक-एक नेशनल हाइवे बंद रहे। मंडी जिला में मंडी-कोटली नेशनल हाइवे-70 और सिरमौर जिला में पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाइवे-707 अवरुद्ध है। अकेले मंडी जिला में 251 सड़कें बाधित हैं, जबकि कुल्लू जिला में 78 सड़कों पर यातायात ठप है। सिरमौर में 17 व लाहौल स्पीति में 15 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा राज्य भर में 263 बिजली ट्रांसफार्मर व 220 पेयजल स्कीमें भी बंद हैं। इनमें मंडी जिला में 128 व कुल्लू में 62 बिजली ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली गुल है। कुल्लू में 87, सोलन में 24 व हमीरपुर में 11 ट्रांसफार्मर खराब हैं। वहीं चम्बा में 63, हमीरपुर में 35, सिरमौर में 34 व बिलासपुर में 22 पेयजल स्कीमें ठप हैं।
मौसम विभाग ने आज यानी 23 से 26 जुलाई तक राज्य के कुछ स्थानों पर वर्षा की सम्भवना जताई है, हालांकि इस दौरान कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। इसके बाद 27 से 29 जुलाई तक फिर से भारी बारिश हो सकती है और कुछ इलाकों में येलो अलर्ट रहेगा। इस बीच राजधानी शिमला व आसपास के इलाकों में आज सुबह बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार कुल्लू जिला के मनाली में सर्वाधिक 57 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा सराहन में 37, घुमरूर में 36, नगरोटा सुर्रियाँ में 32, अघ्घर में 30, मुरारी देवी में 29 औऱ गुलेर व बिलासपुर में 27-27 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है।
मानसून सीजन में अब तक 135 की मौत, 34 लापता
इस मानसून सीजन में अब तक हिमाचल में 135 लोगों की मौत हो चुकी है, 224 लोग घायल और 34 लोग लापता हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 23 और कांगड़ा में 21 मौतें हुई हैं। चम्बा व कुल्लू में 15 और शिमला में 11 लोगों की मौत हुई। अब तक 397 मकान, 277 दुकानें और 1037 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 797 मकानों को आंशिक नुकसान हुआ है। मंडी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां 936 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 365 पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। करीब 1247 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान आंका गया है। लोकनिर्माण विभाग को 552 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 453 करोड़ की क्षति पहुंची है।
प्रदेश में इस सीजन में अब तक 25 भूस्खलन, 40 फ्लैश फ्लड और 23 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। अकेले मंडी में बादल फटने की 15, फ्लैश फ्लड की 11 और भूस्खलन की 4 घटनाएं हुई हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
