दीर अल-बलाह, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । इजराइली हवाई हमलों में रविवार को गाजा में कम से कम 38 फिलीस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। यह हमला ऐसे समय हुआ है, जब इजराइल ने संघर्ष विराम वार्ता के लिए अपना एक प्रतिनिधिमंडल कतर भेजा है, जहां प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अमेरिका दौरे से पहले समझौते की दिशा में बातचीत होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को नेतन्याहू से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। इससे पहले ट्रंप ने एक 60-दिन के प्रारंभिक संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत हमास के कब्जे में बंधकों की रिहाई के बदले गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति बढ़ाने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित योजना में 21 महीने से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए विस्तृत वार्ता का भी प्रावधान है।
इस बीच, एक इजराइली अधिकारी ने बताया कि शनिवार देर रात सुरक्षा कैबिनेट ने उत्तरी गाजा में सहायता भेजने की अनुमति दे दी है, जहां भोजन और दवाओं की भारी कमी है। यह निर्णय सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच यमन स्थित ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने इजरायल के बेन गुरियन एयरपोर्ट को निशाना बनाकर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। हालांकि, इजराइली सेना ने कहा कि उन्होंने सभी मिसाइलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि मार्च के महीने में संघर्ष विराम टूटने के बाद से उत्तरी गाजा में सहायता लगभग ठप है। वर्तमान में सबसे निकटतम सहायता वितरण केंद्र गाजा शहर के दक्षिण में नेटजारिम कॉरिडोर के पास स्थित है, जो उत्तर और दक्षिण गाजा को विभाजित करता है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
