
रांची, 27 जून (Udaipur Kiran) । महिलाओं के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए रोटरी क्लब की ओर से सदर अस्पताल रांची में 30 जून को अत्यधुनिक डिजिटल मेमोग्राफी मशीन–वीनस डीआरवी प्लस लगाया जाएगा।
यह जानकारी शुक्रवार को रोटरी क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता क्लब के प्रवक्ता प्रवीण राजगढ़िया ने दी।
उन्होंने बताया कि रोटरी क्लब ऑफ रांची की ओर से प्रोजेक्ट आरोग्यम- बैटलिंग ब्रेस्ट कैंसर के तहत यह मशीन लगाया जा रहा है। इसमें दक्षिण कोरिया के रोटरी क्लब सुवोन-नोसोंग डी-3750 का भी सहयोग मिला है। मशीन की कीमत लगभग 45 लाख रुपये है।
रोटरी क्लब रांची के अध्यक्ष गौरव बागरॉय ने बताया कि इस मशीन लगने के बाद सदर अस्पताल में ब्रेस्ट कैंसर जांच की सुविधा काफी कम दर पर उपलब्ध होगी। आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य सिर्फ एक मशीन स्थापित करना नहीं है, बल्कि महिलाओं को समय पर जांच के लिए प्रोत्साहित करना और स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है।
उन्होंने बताया कि मशीन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डीजी रोटेरियन बिपिन चाचन, फर्स्ट लेडी रोटेरियन शिल्पी चाचन, सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार करेंगे।
उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल न केवल जिला मुख्यालय का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी जीवन रेखा है। हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक जरूरतमंद मरीज को समय पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिले।
क्यों जरूरी है मेमोग्राफी मशीन?
40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम अधिक होता है। प्रारंभिक अवस्था में कैंसर की पहचान से न केवल इलाज आसान होता है, बल्कि जान भी बचाई जा सकती है। मेमोग्राफी एक प्रभावी तकनीक है। इससे छोटी से छोटी गांठ, ऊतक में बदलाव या असामान्य संरचना का पता क्लिनिकल लक्षणों के प्रकट होने से पहले लगाया जा सकता है। यह सुविधा स्तन कैंसर की प्रारंभिक जांच और रोकथाम में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
क्या है इस मशीन की विशेषता?
अत्यधुनिक मैमोग्राफी वीनस डीवीआर प्लस में कई विशेषताएं हैं। यह फुल फील्ड डिजिटल मैमोग्राफी (एफएफडीएम) तकनीक पर आधारित है। इसका स्मार्ट एइसी तकनीक मरीज को आवश्यकतानुसार सटीक मात्रा में एक्स-रे डोज़ देता है। यह उच्च गुणवत्ता वाली इमेजिंग–इमेज स्क्रीन पर मात्र 10 सेकंड में दे देती है। कम दबाव और दर्द रहित जांच के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई कंप्रेशन पैडल्स है। घने स्तन ऊतक में भी स्पष्ट पहचान की सुविधा उपलब्ध है।
रोटेरियन जो इस प्रोजेक्ट को मदद करनेवालों में बिपिन चाचन, सुरेश साबू, बिनोद सरावगी, रविंदर सिंह चड्ढा, सुमित अग्रवाल, रमेश धरणीधरका, ललित त्रिपाठी, पवन जायसवाल, आदित्य मल्होत्रा, राजेश नाथ शाहदेव सहित अन्य शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
