
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बाघों के संरक्षण में भारत की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले दशक में बाघों की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और देश में 84,000 वर्ग किलोमीटर में फैले 58 बाघ अभयारण्य हो चुके हैं। भूपेंद्र यादव बुधवार को यहां पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस, आर्ट्स मास्त्रो और उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज़्म डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से 2025 ग्लोबल बिग कैट फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।यादव ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक बाघों की हर संभावित भूमि को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं। एशियाई शेरों की संख्या 32 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 891 हो गई है। हिमाचल प्रदेश का कोल्ड डेजर्ट बायोस्फीयर रिजर्व यूनेस्को विश्व नेटवर्क में शामिल हुआ है जो भारत में यह पहला उच्च-ऊंचाई वाला कोल्ड डेजर्ट रिजर्व है।
इसके साथ देश में 487 इको-संवेदनशील क्षेत्र बनाए गए हैं, जो वन्यजीवों के आवागमन के लिए मार्ग प्रदान करते हैं। यह सरकार की वन्यजीव संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।
वैश्विक फोटोग्राफी प्रतियोगिता के महत्व के बारे में भूपेन्द्र यादव ने कहा कि इसका विशेष महत्व है क्योंकि यह आगामी वैश्विक बिग कैट संरक्षण शिखर सम्मेलन-2026 से पहले होने वाले शिखर-पूर्व कार्यक्रमों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन सात बिग कैट प्रजातियों, बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जगुआर, चीता और प्यूमा के भविष्य को सुरक्षित करने के सामूहिक वैश्विक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। यह आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 8 अक्टूबर को भारत में वन्यजीव सप्ताह के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है, एक ऐसा समय जब हम अपने बहुमूल्य वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।
इस मौके पर मंत्री यादव ने 2025 के ग्लोबल बिग कैट फोटोग्राफी प्रतियोगिता विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। विजेताओं में राजर्षि बनर्जी, अभिजीत चटोपाध्याय, नारायण मालू, अनोष कोप्पिकर, प्रसाद हामिने, जीतेंद्र चवरे, विश्वस पाटवर्धन, विनोद शर्मा शामिल है। ग्लोबल बिग कैट फोटोग्राफी प्रतियोगिता 2025 के लिए 1,000 से अधिक प्रतिभागियों की प्रविष्टियां आईं थी।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
