
कठुआ, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय जम्मू ने उत्तर पूर्वी व्यापार विकास परिषद असम के सहयोग से सल्लन स्थित कॉमन फैसिलिटी सेंटर में बाँस की कलाकृतियों के उन्नयन हेतु 30 दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एडीडीसी कठुआ सुरिंदर शर्मा जेकेएएस उपस्थित थे।
एडीडीसी कठुआ ने कारीगरों से कौशल-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने नए कौशल हासिल करने और अपने पारंपरिक शिल्प में मूल्यवर्धन करने के महत्व पर जोर दिया, जिससे उनकी आर्थिक संभावनाओं में वृद्धि होगी और क्षेत्र के विकास में योगदान मिलेगा।
उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि और सहायक निदेशक डॉ. रोहिणी द्वारा स्थानीय कारीगरों को टूल किट वितरित किए गए जिसका उद्देश्य उन्हें अपने शिल्प में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करना था। असम के दो मास्टर प्रशिक्षकों प्रणव दोहट्टी और संदीप वर्मा को कार्यक्रम में उनकी विशेषज्ञता और योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सरदारी लाल और शिवल्या मगोत्रा सहित स्थानीय कारीगरों की सफलता की कहानियाँ भी प्रस्तुत की गईं, जिन्होंने अपने अनुभव और उपलब्धियाँ साझा कीं। मुख्य अतिथि ने हस्तशिल्प विभाग के अधिकारियों, अंशु शर्मा, शिफाली हंस, राजेश कुमार और अभिषेक सांगरा के साथ स्टालों का निरीक्षण किया और विभाग द्वारा आयोजित बाँस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्य अतिथि ने विभाग को शिल्प को और निखारने के लिए विभिन्न राज्यों और देशों के सफल मॉडलों का अनुसरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग द्वारा स्थापित मशीनों का भी अवलोकन किया, जिनका उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में पूर्वोत्तर मॉडल को अपनाना है। कारीगरों के साथ एक संवादात्मक सत्र का भी आयोजन किया गया, जहाँ मुख्य अतिथि और सहायक निदेशक ने कारीगरों के प्रश्नों और चिंताओं को सुना और उन्हें अपने विचार और सुझाव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया