
-समस्तीपुर, मधुबनी और दरभंगा जिलों में सर्वाधिक प्रगति
पटना, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । बिहार के ग्रामीण इलाकों की सूरत लगातार बदल रही है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के तहत राज्य में पड़े पैमाने पर सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है। राज्य सरकार की यह पहल प्रदेश के सुदूर गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत अभी राज्यभर में 2,944 किलोमीटर सड़कों का निर्माण और होने जा रहा है। इन सड़कों की संख्या 824 है। इसकी प्रशासनिक स्वीकृति विभाग के स्तर से मिल चुकी है। इन सभी का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है। अब तक इस योजना के तहत 4,45 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। उनकी कुल लंबाई 2,148 किलोमीटर है।
दरअसल, राज्य सरकार के स्तर से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में चलाई जा रही इस सड़क निर्माण योजना से सिर्फ सड़कों का ही विकास नहीं हो रहा, बल्कि यह गांवों की आर्थिक धड़कन, रोज़गार का जरिया और सामाजिक सशक्तिकरण की एक मजबूत कड़ी बन चुकी है। इन सड़कों ने हजारों गांवों की सूरत बदली है। अब हर मौसम में गांवों को निर्बाध संपर्क, बाजारों तक आसान पहुंच, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों तक सरल आवागमन जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की हैं।
इस योजना के कार्यान्वयन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के हजारों अवसर उत्पन्न हुए हैं। कृषि उत्पादों को बड़ा बाजार मिला है। आसान पहुंच से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नगदी प्रवाह बढ़ा है और ग्रामीण परिवारों की आय पर सीधा असर पड़ा है।
नई सड़कों ने किसानों को अपनी फसलें अब समय पर बाजारों तक पहुंचाने का रास्ता दिया है। इससे कृषि उपज गुणवत्ता के साथ बाजारों में पहुंच रहे हैं, इससे किसानों को उचित मूल्य मिलने लगे हैं। ग्रामीण इलाकों में छोटे व्यापार, दुग्ध व्यवसाय और ग्रामीण पर्यटन जैसे क्षेत्र भी इससे लाभान्वित हुए हैं।
जिलावार प्रगति: मधुबनी, समस्तीपुर दरभंगा, पश्चिम चंपारण और गयाजी अग्रणी
समस्तीपुर: 137.36 किमी
मधुबनी: 135.36 किमी
दरभंगा: 115.48 किमी
गया: 110.79 किमी
पश्चिम चंपारण: 88.86 किमी
हर सड़क है विकास की रेखा : अशोक चौधरी
बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग मंत्री अशोक चौधरी ने इस बारे में बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) गांवों की जीवनरेखा बन गई है। यह योजना रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ी है। ग्रामीणों को अब वह सड़क मिली है, जो उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है। आने वाले महीनों में शेष सड़कों का निर्माण भी तेजी से पूरा कर लिया जाएगा।
—————
body{font-family:Arial,sans-serif;font-size:10pt;}.cf0{font-family:Nirmala UI,sans-serif;font-size:11pt;}
(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी
