
जयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए बड़ा खुलासा करते हुए फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दिव्यांग कोर्ट से नौकरी पाने वाले अभ्यार्थियों की पहचान की है। इस मामले में एसओजी 29 लोगों का मेडिकल करवाया। जिसमें से 24 दिव्यांग कर्मचारी अयोग्य मिले और पांच अभ्यार्थियों का दिव्यांग प्रमाण पत्र सही पाया गया। राजस्थान में सरकारी नौकरियों में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनवाकर नौकरी हासिल करने वालों की संख्या 100 से अधिक पहुंच गई है।
100 से कर्मियों की सूची तैयार
एसओजी ने जांच में अब तक 100 से अधिक कर्मियों की सूची तैयार की है। जिन्होने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी प्राप्त की है। एसओजी जांच में सामने आया कि जोधपुर निवासी अशोक राम पुत्र चेनाराम भादू ने मेडिकल बोर्ड के सामने खुद की जगह एक वास्तविक बधिर दिव्यांग व्यक्ति को भेजा था।इस मामले में एसओजी ने डमी कैंडिडेट को दबोच लिया था। जिसकी जानकारी मिलने के बाद अशोक राम फरार हो गया। गांधी नगर पुलिस ने श्रवण दास को गिरफ्तार कर लिया। शिकायत मिलने के बाद एसओजी 43 मामलों में मेडिकल बोर्ड जांच कर चुकी है। जिसमें से 37 प्रमाण -पत्र फर्जी पाए गए है। एसओजी इस मामले में विभागीय कर्मचारियों की भी भूमिका मान रही है।
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(Udaipur Kiran)
