-सभी लेक्चरर को तुरंत नया स्टेशन संभालने का निर्देश
चंडीगढ़, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हरियाणा के 28 राजकीय महाविद्यालयों को प्राचार्य मिल गए हैं। पदोन्नत होकर प्राचार्य बने सभी लेक्चरर को तुरंत प्रभाव से नया स्टेशन संभालने का निर्देश दिया गया है।
हिसार में सबसे ज्यादा चार कालेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति की गई है। पंचकूला जिले के तीन, भिवानी, रोहतक, करनाल, अंबाला, जींद, सिरसा और चरखी दादरी के दो-दो तथा कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, सोनीपत, नूंह, कैथल, पानीपत और यमुनानगर के एक-एक कालेज में प्राचार्य को भेजा गया है। इसके बावजूद प्रदेश में 86 कालेज बिना प्राचार्य के रहेंगे। स्थिति यह है कि एक प्राचार्य के पास तीन-तीन कालेजों की डीडी (आहरण एवं वितरण) पावर है। डीडी पावर की परेशानी पहले भी प्राचार्य और प्रोफेसर बता चुके हैं।
कालेजों में डीडी पावर लेने से इनकार करने वाले प्रोफेसरों को दो जुलाई को चेतावनी पत्र जारी हुआ था। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने सभी कालेजों को पत्र जारी कर चेतावनी दी है कि डीडी पावर से मुंह मोड़ने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीडी पावर का मतलब है किसी व्यक्ति या अधिकारी को वित्तीय लेनदेन करने, विशेष रूप से धन निकालने और खर्च करने का अधिकार होना।
दरअसल कालेज प्रिंसिपल के लिए 75 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाते हैं, जबकि 25 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता है।
कालेज शिक्षकों का कहना है कि 2013 के बाद से विभाग की ओर से प्रिंसिपल की सीधी भर्ती नहीं की गई है। इससे पहले 25 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता था और शेष पदों को पदोन्नति से भरा जाता था। सीधी भर्ती को लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से कई बार कोशिशें की गईं, लेकिन प्रस्ताव ठंडे बस्ते में ही रहे। इसलिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के पास प्रिंसिपल पदों की भर्ती की मांग ही नहीं गई है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
