
शिमला, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में लोगों का विश्वास लगातार मजबूत हो रहा है और सहकारी बैंकों में 27 से 28 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है। उन्होंने यह बात शनिवार काे शिमला में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन 2025 का शुभारंभ करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सहकारिता के पुनर्जागरण का उत्सव है। प्रदेश में सहकारिता अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित कॉपरेटिव फेयर और फिनटेक कॉर्पाेरेट प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया और कहा कि आने वाले समय में तकनीकी नवाचार सहकारी ढांचे को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को सहकारिता आंदोलन की जन्मस्थली कहा जा सकता है। वर्ष 1892 में पंजावर क्षेत्र में पहली सहकारी समिति गठित की गई थी, जिसका पंजीकरण वर्ष 1906 में हुआ। आज यह क्षेत्र हरोली विधानसभा के अंतर्गत आता है। उन्होंने सहकारिता के जनक मियां हीरा सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि उनके नाम पर एक संस्थान की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 5544 सहकारी समितियां सक्रिय हैं, जिनमें से 2287 कृषि सहकारी समितियां और 10 सहकारी बैंक ग्रामीणों और किसानों की आर्थिक जरूरतें पूरी कर रहे हैं। कॉपरेटिव बैंकों में इस समय लोगों के लगभग 27 से 28 हजार करोड़ रुपये जमा हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉपरेटिव बैंकों में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ठोस कदम उठा रही है। वर्तमान में कॉपरेटिव बैंक 6 जिलों, कांगड़ा कॉपरेटिव बैंक 5 जिलों और जोगिंद्रा बैंक सोलन जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर हिमाचली का खाता प्रदेश के बैंकों में होना चाहिए और सरकार इनके संचालन को जिम्मेदारी से सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने जिला कुल्लू की शॉल और टोपी का उदाहरण देते हुए कहा कि सहकारी प्रयासों से इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि हरोली में हिमकैप कॉपरेटिव के माध्यम से हिमकैप इंस्टिट्यूट स्थापित किया गया है, जहां से पढ़ाई करने वाले बच्चे हिमाचल का नाम देश और विदेश में रोशन कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि ऊना जिले में 5000 महिलाओं ने मिलकर स्वां वुमेन फेडरेशन की स्थापना की है, जो कुछ ही समय में 25 करोड़ रुपये की पूंजी तक पहुंच चुकी है। यह महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी संस्थाएं अब आधुनिक तकनीक को भी अपना रही हैं और डिजिटल भुगतान, फिनटेक समाधान तथा साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन भारत में सहकारिता की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा और पारंपरिक संस्थाओं व आधुनिक तकनीकी समाधानों के बीच नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
