
बीजिंग, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । चीन के स्वतंत्रता दिवस (विजय दिवस) की सैन्य परेड में 26 विदेशी नेता शामिल होंगे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर यह नेता स्वतंत्रता दिवस समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। सहायक विदेश मंत्री होंग लेई ने गुरुवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि चीन इस अवसर पर जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जन प्रतिरोध युद्ध और विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशाल सैन्य परेड का आयोजन करेगा।
चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, आमंत्रित विदेशी नेताओं में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, कोरिया की वर्कर्स पार्टी के महासचिव और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के राज्य मामलों के अध्यक्ष किम जोंग उन, कंबोडियाई राजा नोरोदोम सिहामोनी, वियतनाम के राष्ट्रपति लुओंग कुओंग, लाओ पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी केंद्रीय समिति के महासचिव और लाओ राष्ट्रपति थोंगलून सिसोउलिथ, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, मंगोलिया के राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, कजाख राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव, उज्बेक राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव, ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन, किर्गिज के राष्ट्रपति सदिर जापारोव, तुर्कमेन के राष्ट्रपति सर्दार बर्दीमुहामेदोव, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव, अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, कांगो गणराज्य के राष्ट्रपति डेनिस सासौ न्गुएसो, जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा, सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक, स्लोवाक के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको, क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के प्रथम सचिव और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल और म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति मिन आंग हलाइंग शामिल हैं।
ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, सहायक विदेश मंत्री होंग लेई ने संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सैन्य परेड का उद्देश्य राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की मजबूत इच्छाशक्ति और विश्व शांति की रक्षा के लिए शक्तिशाली क्षमता का प्रदर्शन करना है। होंग लेई ने कहा कि चीन कभी भी आधिपत्य की तलाश और विस्तार की कोशिश नहीं करेगा। चीन हथियारों की होड़ में भी शामिल नहीं होगा।
बताया गया है कि यह सैन्य परेड 31 अगस्त और एक सितंबर को तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के फौरन बाद बीजिंग में होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा के बाद तियानजिन में आयोजित इस सम्मेलन में भाग लेंगे। चीन का प्रयास है कि एससीओ सम्मेलन में आए नेताओं को अपनी परेड में भी शामिल किया जाए। इसी से जापान नाराज है।
जापान की समाचार एजेंसी क्योदो के अनुसार, जापान ने अपने विदेशी दूतावासों के माध्यम से अन्य देशों को संदेश दिया है कि चीन का यह आयोजन जापान-विरोधी भावनाएं दर्शाता है। इसलिए इसमें हिस्सा लेने पर सचेत होकर विचार करना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जापान के समक्ष कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
