Bihar

केन्द्रीय मत्स्यिकी शिक्षा संस्थान में सात दिवसीय प्रशिक्षण के लिए 25 किसान चयनित

प्रशिक्षण में शामिल अभ्यर्थी

नालंदा, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।

बिहार में

नालंदा जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं के तहत 25 किसानों का चयन कर उन्हें आंध्र प्रदेश के काकीनाडा स्थित केन्द्रीय मत्स्यिकी शिक्षा संस्थान में सात दिवसीय प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है।

जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभू कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसानों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा।जिला मत्स्य पदाधिकारी ने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बिना प्रशिक्षण के अब किसी भी किसान को योजना का लाभ नहीं दिया जाता है। इच्छुक किसानों को पहले विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके बाद प्रखंड स्तर के अधिकारी भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट जिला कार्यालय भेजते हैं।

प्रशिक्षण में इन विषयों पर दी जा रही जानकारीसरकार द्वारा आयोजित इस निशुल्क प्रशिक्षण में किसानों को निम्नलिखित तकनीकों और विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें मुख्यतः बायोफ्लॉक तकनीक से मत्स्य पालन।मछली के बीज हैचरी का कुशल प्रबंधन।अलंकारी मछलियों का पालन।मछली घर निर्माण व प्रबंधन।

रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम।

मत्स्य प्रसार पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि जिले में मछली पालन को लेकर व्यापक संभावनाएं हैं। यह व्यवसाय किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है।

प्रशिक्षण के लिए चुने गए किसानों में गौढ़ापर चंडी के वीर अभिमन्यु सिंह, बिहारशरीफ के अमर कुमार वर्मा, कतरु बिगहा परवलपुर के अविनाश कुमार, कौशल भारती, हर्ष कुमार, दादूपुर के अरविंद प्रसाद, रविंद्र प्रसाद, मिर्जापुर के नीतीश कुमार,ससौर सरमेरा के अमित कुमार, कुशहर बिंद के संतोष कुमार, चोरसुआ गिरियक के अजीत कुमार, राजीव राज, रॉकी कुमार, अजीत कुमार और अनिकेत कुमार समेत अन्य किसान शामिल हैं।पहले मछली पालन को जिले में एक जाति विशेष का व्यवसाय माना जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में लोगों की सोच बदली है। विभाग द्वारा समय-समय पर चलाए गए जागरूकता अभियानों का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे

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