Haryana

फरीदाबाद की अरावली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 240 अवैध निर्माण तोड़े

261 एकड़ जमीन वन विभाग ने कराई खाली

फरीदाबाद, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद फरीदाबाद के अरावली क्षेत्र में वन भूमि पर किए गए अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई जोर पकड़ चुकी है। वन विभाग ने पहले चरण की कार्रवाई पूरी कर ली है, जिसके तहत 240 निर्माण तोड़कर 261 एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। अब यह रिपोर्ट सरकार के माध्यम से सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी को सौंप दी गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई सितंबर के पहले सप्ताह में होनी है।

पहले चरण की इस कार्रवाई में फार्महाउस, बैंक्वेट हॉल, मैरिज गार्डन और व्यवसायिक गतिविधियों के लिए बने कई निर्माण शामिल थे। इनमें से अधिकतर निर्माण अनंगपुर, अनखीर, लक्कड़पुर और मेवला महाराजपुर गांवों में पाए गए थे। वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अरावली के इन चार गांवों की 786.26 एकड़ वन भूमि पर कुल 6,793 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए थे। पहले चरण में विभाग ने अनंगपुर गांव में 133, लक्कड़पुर (खोरी) में 59 और अनखीर में 49 निर्माणों को ध्वस्त किया। कुल मिलाकर एक-तिहाई जमीन पर से अतिक्रमण हटाया जा चुका है।

इस कार्रवाई की आंच अब सरकारी संस्थानों तक भी पहुंच चुकी है। वन विभाग ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन विभाग को नोटिस जारी कर उनके द्वारा किए गए वन भूमि पर निर्माण को लेकर जवाब तलब किया है। एचएसवीपी की लगभग 10 एकड़ जमीन वन क्षेत्र में आ रही है, जहां पर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और जिमखाना क्लब जैसे निर्माण मौजूद हैं।

हरियाणा टूरिज्म विभाग का सूरजकुंड पर्यटन परिसर भी वन क्षेत्र की परिधि में पाया गया है। विभाग ने अनखीर और लक्कड़पुर गांवों की 4.93 एकड़ जमीन पर 72 संरचनाएं बना रखी हैं, जो दूसरे चरण की कार्रवाई में निशाने पर आ सकती हैं। हरियाणा टूरिज्म विभाग अब वन विभाग के साथ मिलकर यह रिपोर्ट तैयार कर रहा है कि कौन-कौन से निर्माण वन क्षेत्र में आते हैं। इसके बदले में वे वन विभाग को किसी अन्य स्थान पर भूमि देकर नए वन क्षेत्र विकसित करने की तैयारी में हैं।

गुरुग्राम डिवीजन के कंजरवेटर सुभाष यादव ने बताया कि फरीदाबाद में अरावली क्षेत्र में अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई लगातार जारी है। हमने पहले चरण में काफी जमीन खाली कर ली है। अब हरियाणा टूरिज्म और हरियाणाशहरीविकाशप्राधिकरण के साथ बातचीत जारी है ताकि उनकी तरफ से भी वन क्षेत्र में किए गए निर्माणों का समाधान निकाला जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो सरकारी हो या निजी।

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(Udaipur Kiran) / गुरुदत्त गर्ग

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