
फिरोजाबाद, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसको अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
थाना नसीरपुर क्षेत्र निवासी एक 11 वर्षीय बालिका 5 जून 2005 को जयप्रकाश पुत्र साधू सिंह की दुकान पर सामान लेने गई थी। दुकानदार बालिका को दुकान से जबरन अपने घर के अन्दर ले गया। दुकानदार ने उसके साथ बलात्कार किया। उसका वीडियो बना लिया। उसने बालिका को धमकी दी कि घर पर बताया तो तेरे पापा को मार दूंगा। वीडियो को वायरल कर दूंगा।
बालिका ने डर के कारण घर पर घटना के बारे में नहीं बताया। बालिका के उदास रहने पर परिजनों ने उसे पूछताछ की। तब बालिका ने हिम्मत कर घटना के बारे में बताया। वीडियो जयप्रकाश ने अपनी पत्नी साधना से बनाने को कहा था। जब साधना ने वीडियो बनाने से मना किया तो उसने अपनी पत्नी को बेल्टों से पीटा। बालिका के पिता ने दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने उसके खिलाफ विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट कोर्ट संख्या 3 राजीव सिंह की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अजमोद सिंह ने की। उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने उसे नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी माना। न्यायालय ने उसे 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 55 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़
