
शिमला, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्राकृतिक आपदाओं, भूस्खलन और लगातार बारिश जैसी चुनौतियों के बावजूद हिमाचल प्रदेश में इस साल का सेब सीजन ऐतिहासिक रहा। राज्य में अब तक कुल 2 करोड़ 60 लाख 83 हजार 458 सेब पेटियों का कारोबार हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 43 प्रतिशत अधिक है। एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को ये जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का वर्ष 2025 बागवानी इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो रहा है। लगातार बारिश, भूस्खलन और सड़क मार्ग बाधित होने जैसी प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने अपनी दूरदर्शी नीतियों और त्वरित फैसलों के दम पर बागवानी क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 3 अक्तूबर 2025 तक कुल 2,60,83,458 सेब पेटियों का कारोबार हुआ है, जबकि वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 1,82,63,874 पेटियों तक सीमित था। इस तरह इस साल सेब कारोबार में 43 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली की आजादपुर मंडी में इस साल हिमाचल के सेब की खूब मांग रही। ए-ग्रेड रॉयल डिलीशियस सेब 2300 रुपये प्रति 20 किलो पेटी और गोल्डन डिलीशियस 1200 रुपये प्रति पेटी के भाव से बिका। यह हिमाचल के सेब की गुणवत्ता और उपभोक्ता विश्वास का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि एचपीएमसी ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत इस वर्ष 83,788 मीट्रिक टन सेब की रिकॉर्ड खरीद की है, जो अब तक की सबसे बड़ी सरकारी खरीद में से एक है। इससे हजारों बागवानों को आर्थिक राहत मिली है।
इसी बीच, एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश को 25 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त हुई है, जिसमें 22.50 करोड़ केंद्र सरकार और 2.50 करोड़ राज्य सरकार का हिस्सा है। इस राशि में से 14.50 करोड़ रुपये किसानों को फल, सब्जियों, मसालों, फूलों, मशरूम उत्पादन, संरक्षित खेती (ग्रीन व पॉलीहाउस), एंटीहेल नेट, फार्म गेट पैक हाउस, कोल्ड स्टोरेज और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों के विकास के लिए वितरित किए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
