मुंबई, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुंबई मनपा की महत्वाकांक्षी
परियोजना मुंबई कोस्टल रोड पूरी तरह से दौड़ रही है। लेकिन परियोजना की देखरेख और मरम्मत
कार्यों पर हर महीने औसतन 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। हस साल मुंबई मनपा की
तिजोरी पर 18 करोड़ रुपय़े का भार पड़ेगा।
मुंबई कोस्टल रोड के अगले पांच वर्षों के लिए रखरखाव और
मरम्मत कार्य के लिए आमंत्रित निविदा में टैब टर्बो
इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को योग्य घोषित किया गया है। इस कंपनी को 88.43 करोड़ रुपये का
ठेका दिया गया है।कोस्टल रोड परियोजना को साउथ प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाईओवर से बांद्रा-वर्ली सी लिंक
तक तीन भागों में विभाजित किया गया है। इस परियोजना के अगले पांच साल तक के रखरखाव और मरम्मत कार्य के
लिए ठेकेदारों की नियुक्ति की गई है। इन रखरखाव और मरम्मत कार्यों में यांत्रिक, विद्युत, इंस्ट्रूमेंटेशन,
विभिन्न उपकरणों का नियमित निरीक्षण, परीक्षण सहित इत्यादि छोटे कार्य शामिल हैं।
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार मुंबई कोस्टल रोड को 15 अगस्त
से दिन रात खोल दिया गया है। अब परियोजना के अगले चरण वर्सोवा-भाईंदर का काम चल
रहा है. मुंबई कोस्टल रोड के रखरखाव के लिए एक अलग तंत्र स्थापित किया गया है।
आगामी पांच वर्षों लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। उपकरण और अन्य प्रणालियां वारंटी में
हैं, इसलिए अभी पांच
वर्षों की अवधि में 90 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि अगले पांच
वर्षों में यह लागत बढ़ने का अनुमान है।
इन कार्यों में कोस्टल रोड के उत्तरी और दक्षिणी किनारों की
सफाई, नियंत्रण केंद्र
के फर्श की सफाई और शौचालयों की नियमित सफाई की जिम्मेदारी भी शामिल है। दोनों टनल
दीवारों, सड़क चिन्ह, ट्रैफिक कंट्रोल, एंबलेंस, टोईंग
टीम, क्रॉस मार्गों की सफाई, सीसीटीवी, उपकरणों के स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति, लाइटों और जल निकासी,
इंटरनेट, नियमित किटनाशक छिड़काव, बाहरी हिस्से की सफाई, आपातकालीन संचार प्रणालियों का संचालन और रखरखाव आदि कार्य शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
