CRIME

चित्रकूट के चर्चित कोषागार घोटाले में 15 आरोपित गिरफ्तार, पुलिस ने भेजा जेल

चित्रकूट के बहुचर्चित कोषागार घोटाले में 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने भेजा जेल

एसपी ने कहा- जल्द हाेगी अन्य आराेपित कोषागार कर्मचारियों की गिरफ्तारी

चित्रकूट, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के जनपद चित्रकूट के कोषागार में हुए चर्चित घोटाले में अब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कोषागार में पेंशन भेजने के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में गठित एसआईटी जांच टीम ने प्रकरण में संलिप्त 15 नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इनमें 11 पेंशनर्स भी हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में 12 पुरुष और 3 महिलाएं हैं।

गाैरतलब है कि कोषागार में वर्ष 2018 से पेंशनरों के खाते में पेंशन भेजने के अतिरिक्त लाखों की धनराशि भेजी जा रही थी। कोषागार के कर्मचारी और दलाल पेंशनरों से सांठ-गांठ कर शासकीय धन में डकैती डाल रहे थे। महालेखाकार कार्यालय प्रयागराज की ऑडिट में 43.11 करोड़ रुपए के गबन होने का मामला सामने आने के बाद चित्रकूट के कोषागार अधिकारी रमेश सिंह ने सदर कोतवाली कर्वी में 93 पेंशनरों और 4 कोषागार विभाग के कर्मचारी सहित 97 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।

शासन ने भी मामला संज्ञान में लेते हुए जनपदीय स्तरीय जांच टीम गठित की थी। मंगलवार रात एसआईटी जांच टीम ने साक्ष्य संकलन के बाद 15 आरोपितों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया । पकड़े गए आरोपिताें में पेंशनर और दलाल हैं।

पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेज़री में हुए घोटाले मामले में 15 आरोपितंों को पूछताछ के लिए पेंशनरों के साथ नामजद कोषागार कर्मी विकास सिंह सचान व अशोक वर्मा को कोतवाली बुलाया गया था। यहां पूछताछ के बाद पेंशनर धनपति देवी निवासी औदहा, लक्ष्मी देवी निवासी बरहट, कमला देवी निवासी खंडेहा, संतोष मिश्रा निवासी राजनगर बांदा, मोहनलाल निवासी सिकरौं, मोहनलाल निवासी अर्जुनपुर, जगत नारायाण त्रिपाठी निवासी नेउरा, दुर्गा प्रसाद निवासी अर्जुनपुर, रामशिरोमणि निवासी सगवारा, जवाहर लाल निवासी खंडेहा, रामरतन निवासी बनकट को गिरफ्तार कर लिया।

इसके अलावा बिचौलिये ओमप्रकाश निवासी लालता रोड थाना मऊ, अमृतलाल उर्फ पंचू निवासी चकौर थाना मऊ, मिथलेश उर्फ भोला निवासी झगरहट थाना मऊ, गौरेन्द्र शिवहरे निवासी गोकुलपुरी कर्वी को भी गिरफ्तार किया गया। एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ और मेडिकल के बाद सभी आराेपियाें को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। जेल भेजी गई कमला देवी की शिकायत पर ही गबन का खुलासा हुआ था।

(Udaipur Kiran) / रतन पटेल

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