धर्मशाला, 07 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों के पेंशनर्स संगठनों ने एकजुट होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। इन संगठनों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दवाब बनाने के मकसद से हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया है। समिति की संयुक्त बैठक का वीरवार को हमीरपुर में आयोजन किया गया जिसमें 11 कर्मचारी संघों ने भाग लिया। बैठक में उक्त समिति का सुरेश ठाकुर, जो ‘पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश’ के राज्य अध्यक्ष भी हैं, को सर्वसम्मति से अध्यक्ष और इन्द्र पाल शर्मा को महासचिव चुना गया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एक माह के अन्दर प्रदेश के सभी संगठनों के राज्य प्रधान और महासचिव को सदस्य बनाकर ‘हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति’ की कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल 11 पेंशनर्स कर्मचारी संगठनों में पेंशन वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश, भारतीय राज्य पेंशनर्स संघ, हिमाचल प्रदेश’ सचिवालय, हिमाचल पेंशनर्स फेडरेशन, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम, हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड, लोकल अर्बन डेवलपमेंट, एचपी पुलिस विभाग, हिमाचल हितकारी सभा, कार्पोरेट सेक्टर और मजदूर संघ शामिल हैं।
उधर हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति’ की बैठक में 01.01.2016 से 31.01.2022 के मध्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वित्तीय लाभ जिसमें ग्रैच्युटी, कम्युटेशन व लीव इनकैशमेंट, मंहगाई भत्ते की 13 प्रतिशत व 110 माह के मंहगाई भत्ते की बकाया राशि, लंबित पड़े चिकित्सा बिलों की अदायगी के लिए विशेष अनुदान राशि को सभी विभागों को जारी करना, एचआरटीसी, बिजली बोर्ड, कार्पोरेट सेक्टर के वित्तीय लाभ की अदायगी करना तथा शीघ्र ‘संयुक्त सलाहकार समिति’ का गठन करना जैसे मुद्दों और चर्चा हुई।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वह मंहगाई भत्ते की 3 प्रतिशत के स्थान पर पूर्व की 4, 4 प्रतिशत की दोनों किस्तें 15 अगस्त 2025 को एक साथ जारी की जाएं।
इस बैठक में संयोजक घनश्याम शर्मा, पुरूषोत्तम ठाकुर, भूप राम वर्मा, रविन्द्र राणा, हिम्मत राम शर्मा, ब्रह्मानन्द, मदन लाल शर्मा, सहित अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया।
वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक 15 दिन के भीतर बुलाई जाएगी और संयुक्त मांगपत्र मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
