
धमतरी, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिला अस्पताल में दिवाली के दौरान पटाखों से जलने के दो मामले आए थे। जिसमें एक बच्चे के उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। वहीं एक 10 साल की बच्ची का उपचार जारी है। पटाखें के बारूद से बच्ची का चेहरा झुलस गया है।
जिला अस्पताल से आज शनिवार काे मिली जानकारी अनुसार दिवाली पर्व के दौरान पटाखें से जलने की शिकायत लेकर दो बच्चे उपचार के लिए बर्न वार्ड में भर्ती थे। पहला मामला विवेकानंद वार्ड धमतरी के त्रियांशु पटेल 21 अक्टूबर को पटाखें से जलने की शिकायत लेकर पहुंचे थे। इन्हें उपचार के बाद 22 अक्टूबर को छुट्टी दे दी गई।
वहीं दूसरे मामले में ग्राम पोटियाडीह के ओंकार ढीमर की 10 साल की बेटी कुमकुम का 23 अक्टूबर को सुबह सात बजे पटाखे के बारूद से चेहरा जलने की वजह से जिला अस्पताल लाया गया। यहां इनका उपचार चल रहा है। स्वजन जानकी ढीमर और हिरौंदी बाई ने बताया कि, 23 अक्टूबर को दो बच्चे खेल रहे थे। बच्चे पटाखे से निकलने वाले बारूद को एक जगह एकत्रित कर जला रहे थे। इस दौरान नहीं जल रहे पटाखा में कुमकुम मुंह से फूंक मारी। जिससे आग भभक उठी और उसका चेहरा पूरी तरह झुलस गया। उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उपचार चल रहा है।
पटाखें के धुएं से आंख में परेशानी, उपचार के लिए पहुंचे बच्चे
जिला अस्पताल परिसर में स्थित शासकीय नेत्र अस्पताल के ओपीडी में दिवाली पर्व के दौरान 12 बच्चे पटाखें के धुएं से आंख में परेशानी को लेकर उपचार के लिए पहुंचे। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि, दिवाली पर्व के दौरान पटाखें के धुएं से आंख में परेशानी को लेकर बच्चे पहुंचे थे। आज शनिवार को भी दो बच्चे यह समस्या लेकर आए थे। मामूली चोट है, कोई बड़ी गंभीर समस्या नहीं है। आंख को ध्यान में रखकर ही पटाखें जलाएं।
सिविल सर्जन जिला अस्पताल धमतरी डाॅ. अरुण कुमार टोंडर ने बताया कि, दिवाली के दौरान पटाखे से जलने के दो मामले आए थे। एक बच्चे को ज्यादा चोट नहीं था। उपचार के बाद छुट्टी दे दिया गया है। वहीं एक बच्ची खेलते समय पटाखें से जल गई थी। सिर और गर्दन करके नौ प्रतिशत होता है। दो से तीन प्रतिशत चेहरा जला है। जिसका उपचार जारी है ठीक हो जाएगी।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा