CRIME

सीएनजी सप्लाई कंपनी एजीपी के साथ 1.06 करोड़ की धोखाधड़ी

jodhpur

पूर्व कर्मचारी और दो अन्य ने 554 फर्जी बिलों से लगाई चपत

जोधपुर, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) । रातानाडा थाना क्षेत्र में एजीपी सीजीडी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ कंपनी के ही एक पूर्व कर्मचारी ने दो अन्य लोगों द्वारा करीब 1.06 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला रातानाडा थाने में दर्ज किया गया है। कंपनी के मुख्य प्रबंधक (मार्केटिंग) अंशुल गंगावत की रिपोर्ट पर दर्ज इस मामले में नवदुर्गा सीएनजी ऑटो गैस, उसके प्रोप्राइटर मनीष गहलोत, अनिल गहलोत और कंपनी के पूर्व कर्मचारी युवराज सिंह सोलंकी को आरोपी बनाया गया है।

रातानाडा सर्किट हाउस रोड पर स्थित ब्लू सिटी मॉल में कंपनी का ऑफिस है। इसके चीफ मैनेजर अंशुल गंगावत ने रातानाडा थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि कंपनी ने जोधपुर में एलपीजी चालित ऑटो रिक्शा को सीएनजी में बदलने के लिए आरएफसी इंसेंटिव योजना चलाई थी। इसके तहत नवदुर्गा सीएनजी ऑटो गैस को ऑटो रिक्शा के कन्वर्जन का वर्क ऑर्डर दिया गया। कंपनी द्वारा अधिकृत रेट्रो फिटमेंट फैसिलिटेशन सेंटर्स द्वारा गाड़ी कन्वर्जन के बिल जारी किए जाते थे, जिन्हें वेरिफाई करने की जिम्मेदारी कंपनी के तत्कालीन सत्यापन अधिकारी युवराज सिंह सोलंकी की थी। बाद में कुछ संदेह होने पर कंपनी के अधिकारियों ने अंदरूनी स्तर पर छानबीन की। इसमें पता चला कि फरवरी 2024 में नवदुर्गा सीएनजी ऑटो गैस द्वारा जमा किए गए बिलों में से 554 फर्जी और डुप्लीकेट बिल हैं। इन बिल से कंपनी को 1 करोड़ 6 लाख 2 हजार रुपए का नुकसान हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि युवराज सिंह सोलंकी ने जानबूझकर फर्जी बिलों को स्वीकृति दी और अन्य आरएफसी का डेटा भी नवदुर्गा सीएनजी ऑटो गैस को उपलब्ध कराया, जिससे कंपनी को और नुकसान पहुंचा।

सबूत दिखाए तो स्वीकारा फ्रॉड

गंगावत की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआत में नवदुर्गा सीएनजी ऑटो गैस ने फर्जी या डुप्लीकेट बिलों के जरिए धोखाधड़ी से इनकार किया, लेकिन जब कंपनी के अफसरों ने इसके सबूत दिखाए, तो आरोपितों ने धांधली स्वीकार करते हुए धोखाधड़ी से हड़पी गई कुल राशि में से 91 लाख 62 हजार रुपए कंपनी को चुका दिए गए। वहीं, शेष रही राशि 14 लाख 40 हजार रुपए अब तक नहीं चुकाई। इसके अलावा, आरोपित द्वारा दिया गया 7 लाख रुपए का एक चेक भी बैंक में जमा कराया, लेकिन वो भी बाउंस हो गया। इस संबंध में कंपनी की ओर से पुलिस को रिपोर्ट के साथ आरोपियों द्वारा किए गए फ्रॉड से संबंधित साक्ष्य भी सौंपे गए हैं। इस संबंध में रातानाडा थाने में दर्ज एफआईआर की जांच एसआई भंवरसिंह को सौंपी गई है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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