
विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब उत्तर प्रदेश का हर जिला विकसित होगा: जयवीर सिंह
लखनऊ,10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बुधवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के कलामण्डपम् प्रेक्षागृह में आयोजित 15 वें दीक्षान्त समारोह में मेधावियों को 40 पदक प्रदान कर छात्र-छात्राओं को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके अलावा 09 शोधार्थियों को वर्ष 2025 के लिए पीएचडी की उपाधि प्रादान की गयी।
जयवीर सिंह ने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने में मेधावी छात्र-छात्राओं की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है। आज देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन में नई-नई उपलब्धियां हासिल की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के साथ ही विश्वगुरू भी बनाना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तभी विकसित होगा, जब प्रदेश का हर जनपद विकसित होगा और प्रदेश की जनता इसमें अपना सकारात्मक योगदान देगी।
पर्यटन मंत्री मेधावियों को स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक वितरित करने के बाद उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं विभिन्न स्कूलों के बच्चों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लगभग 100 वर्ष पहले पं0 विष्णु नारांयण भातखण्डे ने इस संस्था की स्थापना की थी। राज सरकार ने वर्ष 2022 में इसे राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा देते हुए पठन-पाटन के सभी संसाधन उपलब्ध कराये। अब यह संस्थान उतरोत्तर प्रगति के पद पर उग्रसर है। विश्वविद्यालय द्वारा संगीत, नाट्य, कला आदि के क्षेत्र में नई-नई विभूतियों को पैदा किया है।
उन्होंने कहा कि मेडल पाने में 51 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रही है। महिला शक्ति ने बाजी मारने का कार्य किया है। सभी विधाओं में बालिकाओं का उत्कृष्ठ प्रदर्शन रहा है। भगवान श्री कृष्ण की बांसुरी को इस पीढ़ी के संगीत के साथ जोड़ कर अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते है और कला के क्षेत्र में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकते है।
पर्यटन मंत्री ने मेधावी छात्र-छात्राओं को कुल 40 पदक प्रदान किये, जिसमें 25 स्वर्ण पदक, 07 रजत पदक तथा 08 कंस्य पदक शामिल है। पदक पाने वालों में अंशिका कटारिया को एमपीए कथक नृत्य में सर्वाधिक 08 पदक, वैभवी को एमपीए 02 रजत पदक, अभय सिंह एमपीए गायन में 04 पदक, शीवम कुमार बीपीए तबला में 05 पदक, स्वणिर्मा वर्मा बीपीए गायन में 05 पदक मिला। इसी प्रकार शिवांशी श्रीवास्तव बीपीए गायन में 02 पदक, याशिका गौड़ एमपीए गायन में 01 पदक, सहस उपाध्याय एमपीए गायन 01 पदक, ओमकार तिवारी बीपीए 01 पदक मिला। मनसा तिवारी बीपीए गायत 01 पदक, राजर्षी मिश्रा एमपीए तबला में 02 पदक, गौरव मिश्रा एमपीए तबला में 01 पदक, सक्षम श्रीवास्तव एमपीए तबला में 01 पदक, अमित कुमार बीपीए तबला में 01 पदक, प्रशान्त भारती बीपीए तबला में 01 पदक, अनंत शर्मा एमपीए भरतनाट्यम में 03 पदक तथा दैवांश प्रसाद एमडीए नाट्यकला में 01 पदक प्रदान किये गये।
इनमें रश्मि उपाध्याय, अमिता चौहान, पूजा द्विवेदी, शिवरूचि सिंह, अस्मिता श्रीवास्तव, अर्चना तिवारी, मंजू मलकानी, शैलजा शुक्ला तथा उपास्ना दीक्षित शामिल है। दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ शोभा यात्रा से हुआ। इसी क्रम में राष्ट्रगीत एवं विश्वविद्यालय के कुल गीत विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह ने विश्वविद्यालय के बारे में जानकरी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के संस्थापक को श्रद्धासुमन पेश किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी रही। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाओं को प्राप्त मेडल यह संकेत देता है कि बेटियों को मौका मिले तो नई उचाइया छू सकती है। विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ0 सृष्टि धवन ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
