
सहरसा, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सूर्य नमस्कार करने के पश्चात प्रतिदिन भगवान सूर्यदेव को जलार्पण करने से अद्भुत लाभ होता है, क्योंकि भगवान सूर्य प्रकृति के साक्षात देवता है,जिसके कारण सृष्टि की रचना के बाद वैदिक काल से सुर्य की आराधना की जाती है। वही सूर्य की उपासना के लिए छठ पर्व मनाया जाता है। छठ पर्व मनाने से बांझन को भी उत्तम संतान की प्राप्ति के साथ साथ निरोगी जीवन मिलता है। उक्त बातें योग प्रशिक्षक आचार्य प्रभाकर ने कही।
छठ पूजा के पावन अवसर पर सूर्य मंदिर कन्दाहा में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया। योग प्रशिक्षक सेवक प्रभाकर ने कहा नियमित योगाभ्यास करने से कांतिमय काया, शरीर स्वस्थ सुडौल बनता है। बहुत आसन करने की भी जरूरत नहीं होती है। वही यौगिक सुक्ष्म क्रिया सूर्य नमस्कार शवासन, हास्यासन अंत में प्राणायाम करके अपने दिनचर्या में जुड़ जाऐ चौबीस घंटा तक शरीर में स्फूर्ति बना रहेगा आलस तो ढूंढने से भी नहीं मिलता है।
सूर्य मंदिर में नियमित रूप से योगाभ्यास सभी को कराया जाता है दूर-दूर से आने वाले भक्त भी भाग लेते हैं। आज के कार्यक्रम में बच्चे युवा के साथ हीं बूजूर्ग भी काफी संख्या में शामिल हुए।
इस अवसर पर द्वादशादित्य सुर्य नमस्कार, योग व्यायाम प्रणायाम कराया गया। मुख्य पुजारी बाबू कान्त झा, राजू खजुरी से पिंटू खां बनगांव सहित काफी संख्या में भाग लिये।
ज्ञात हो कि आचार्य प्रभाकर के द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंड एवं ग्रामीण क्षेत्र में निशुल्क योग शिविर का आयोजन कर लोगो को योग करवाते है। साथ ही सामाजिक समरसता एवं समाज कल्याण की कामना से प्रत्येक पूर्णिमा को चरण पादुक पदयात्रा खजूरी से परसरमा धाम तक निकाली जाती है।
(Udaipur Kiran) / अजय कुमार