लखनऊ, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2024 को अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है। इस अधिनियम को अब उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 14 सन् 2025 के रूप में लागू किया गया है। अधिसूचना के अनुसार यह संशोधित अधिनियम 3 अक्टूबर 2025 से प्रभावी है।
इस संशोधन का उद्देश्य राज्य की औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना, उत्पादन क्षमता बढ़ाना और अधिक रोज़गार के अवसर सृजित करना है। अधिनियम के तहत राज्य सरकार को अब यह अधिकार प्राप्त होगा कि वह कारखानों में कार्य के घंटे अधिकतम 12 घंटे प्रतिदिन तक निर्धारित कर सके, बशर्ते कि साप्ताहिक कार्य अवधि 48 घंटे से अधिक न हो।
अधिनियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि किसी कर्मकार की लिखित सहमति हो तो उसे बिना अंतराल के छह घंटे तक कार्य करने की अनुमति दी जा सकेगी। इसके अतिरिक्त, कारखानों में कार्य के असाधारण दबाव की स्थिति में राज्य सरकार अब तिमाही आधार पर अतिकाल कार्य की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे तक कर सकेगी।
संशोधन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि अब महिला कर्मकारों को रात्रि पाली में कार्य करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते वे अपनी लिखित सहमति दें और सुरक्षा व स्वास्थ्य संबंधी शर्तों का पूर्ण पालन किया जाए।
प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि यह संशोधन उत्तर प्रदेश को औद्योगिक दृष्टि से अधिक सक्षम बनाएगा और राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की दिशा में सशक्त कदम प्रदान करेगा। इस अधिनियम के तहत यदि कोई कर्मकार प्रतिदिन निर्धारित सीमा से अधिक कार्य करता है, तो उसे साधारण मजदूरी की दोगुनी दर से ओवरटाइम भुगतान प्राप्त होगा।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन