
हुगली, 04 नवंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) प्रक्रिया की शुरुआत होते ही हुगली जिले के चंडीतला इलाके में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त एक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) वास्तव में तृणमूल कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता है।
चंडीतला दो नंबर ब्लॉक के खगेन समाद्दार, जो पेशे से सहायक शिक्षक हैं, और देवाशीष सरकार, दोनों ही 289 नंबर बूथ के बीएलओ के रूप में कार्यरत हैं। भाजपा नेता कृष्णेंदु मित्रा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ये दोनों लंबे समय से तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और पार्टी की कई राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे हैं।
भाजपा का कहना है कि जब मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं, तब तृणमूल से जुड़े लोगों को बीएलओ जैसी जिम्मेदारी देना चुनावी आचार संहिता की भावना के खिलाफ है।हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी की ओर से कहा गया कि राजनीतिक कार्यकर्ता और सरकारी कर्मचारी में फर्क होता है। जिन लोगों के पास मुद्दा नहीं है, वही इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
289 नंबर बूथ के तृणमूल बीएलए शंभु साव ने कहा कि जो लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं, उन्हें सबूत पेश करना चाहिए। कोई सरकारी कर्मचारी केंद्र या राज्य सेवा में रह सकता है, लेकिन उसकी राजनीतिक पहचान चुनाव के समय तय होती है। देवाशीष सरकार एक सरकारी कर्मचारी हैं और हमारे किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं।
दूसरी ओर, बीएलओ देवाशीष सरकार ने भी साफ कहा कि वे तृणमूल के सदस्य नहीं हैं और पूरी निष्पक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। भले ही तृणमूल कांग्रेस ने सफाई दे दी हो, लेकिन भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है। दोनों दलों के बीच बयानबाज़ी तेज़ हो गई है और क्षेत्र में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय