Uttrakhand

पचास साल पुराने पेड़ों को क्यों न प्रोत्साहन राशि देकर कटने से बचाया जाए

old trees

हल्द्वानी, 14 जून (Udaipur Kiran) । पर्यावरण और हिमालय की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के विशेषज्ञों ने 50 साल पुराने पेड़ों को बचाने पर अफसरों से फोकस करने को कहा है।

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि क्‍यों न निजी जमीन पर उगे 50 साल पुराने पेड़ों को प्रोत्साहन राशि देकर काटने से रोका जाए। ताकि हिमालयी क्षेत्रों की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सुरक्षित रहे। हल्द्वानी में अधिकारियों संग एक बैठक में शुक्रवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के न्यायाधीश डॉ.अफरोज अहमद ने एक सुझाव दिया।

उनका कहना था कि जिन किसानों की निजी भूमि पर 50 वर्ष पुराने वृक्ष हैं, उन्हें इन पेडों की कटाई से रोका जाए और इसके बदले उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए।

इस पहल का उद्देश्य पहाड़ों और हिमालयी क्षेत्रों की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना है। भारत के एक राज्य का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक-एक हजार रुपये प्रोत्साहन देकर पेड़ों की सुरक्षा को अभियान चलाया जाए। कहा कि यह योजना सफल होती है, तो यह एक मॉडल बन सकता है जिसे अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है। इस पहल से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी आर्थिक लाभ होगा, जिससे वे अपने पारंपरिक जीवनशैली और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान दे सकेंगे।

(Udaipur Kiran) / DEEPESH TIWARI

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