अजमेर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ नारे
लगाने के मामले में पांच आरोपियों पर अब अंतिम फैसला 16 जुलाई को आएगा। 26
दिन पूर्व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में फाइनल सुनवाई हुई थी
और 12 जुलाई की तारीख दी थी। इसमें
22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे।
दाे वर्ष पहले सत्रह जून को दोपहर तीन बजे
दरगाह के निजाम गेट पर भड़काऊ भाषण बाजी की गई थी। इसे लेकर दरगाह थाने में
मामला दर्ज किया गया था। गौहर को हैदराबाद में शरण देने वाला अहसानल्लाह
फरार चल रहा है और ऐसे में इनकी अलग से ट्रायल चलेगी। कॉन्स्टेबल
जयनारायण जाट ने दी रिपोर्ट में बताया कि 17 जून को दोपहर तीन बजे उसकी
ड्यूटी निजाम गेट पर थी। इसी दौरान कुछ खादिमों द्वारा गेट पर पूर्व से
निर्धारित मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां भाषण दिया। इसके
लिए रिक्शे पर लाउड स्पीकर लगाया। रिपोर्ट में बताया कि इस दौरान 2500-3000 व्यक्तियों की भीड़ दरगाह के
सामने थी, जबकि गौहर चिश्ती को पूर्व में समझाइश दी गई थी। इसी दौरान भड़काऊ
भाषण के साथ नारेबाजी की गई। ऐसे में उस पर धार्मिक स्थल से हिंसा के लिए
भीड़ को उकसाने और हत्या की अपील करने पर मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस
ने वीडियो के आधार पर पहले अजमेर के रहने वाले चार आरोपियों ताजिम
सिद्धिकी (31) पुत्र नईम खान, फखर जमाली (42) पुत्र सैयद मोहम्मद जुबेर
जमाली, रियाज हसन दल (47) पुत्र हसन और मोईन खान (48) पुत्र स्व. शमशूदीन
खान को गिरफ्तार किया। इसके बाद फरार आरोपी गौहर चिश्ती व अहसानुल्लाह को
पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था।
(Udaipur Kiran) / रोहित