Madhya Pradesh

उज्जैनः नारी के सृजन-संवेदना-नेतृत्व और संस्कार पर सार्थक विमर्श

नारी के सृजन-संवेदना-नेतृत्व और संस्कार पर सार्थक विमर्श

उज्जैन, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन में संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला अंतर्गत सरस्वती विद्या मंदिर,ऋषिनगर में सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को विद्या भारती परिवार द्वारा किया गया। आयोजन का उद्देश्य नारीशक्ति में सप्तशक्ति के प्रकटीकरण तथा भारत के विकास में महिलाओं के योगदान का सम्मान करना था।

मातृदेवो भव: की भावना से प्रेरित इस कार्यक्रम में नारी के सृजन-संवेदना-नेतृत्व और संस्कार पर सार्थक विमर्श हुआ। अतिथि वक्ता सप्तशक्ति संगम की क्षेत्र सहसंयोजिका एवं विद्या भारती नगरीय शिक्षा मालवा प्रांत की उपाध्यक्ष हीना नीमा थी। उन्होंने कहा कि कुटुम्ब प्रबोधन समाज का मूल है। जब परिवार संस्कारित होंगे,तभी राष्ट्र संस्कारित होगा। नारी इस परिवर्तन की केंद्र शक्ति है। विशिष्ट अतिथि विद्या भारती ग्रामीण शिक्षा मालवा प्रांत की सहसचिव डा.डॉली गिरी गोस्वामी ने कहाकि भारत की नारी प्राचीन काल से करुणा, संवेदना और संकल्प की प्रतीक रही है। जब नारी जागरूक होगी, तभी समाज और राष्ट्र संस्कारित व समृद्ध बनेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ.संतिन्दर कौर सलूजा ने कहाकि नारी सृजन की मूर्ति है। नारी का सम्मान ही संस्कृति का सम्मान है। मातृशक्ति का उत्थान ही राष्ट्र उत्थान का मार्ग है।कार्यक्रम की प्रस्तावना सरस्वती शिशु मंदिर समितिए ऋषिनगर की उपाध्यक्ष कल्पना शर्मा ने प्रस्तुत की। अतिथि परिचय डॉ.स्मृति जैन ने दिया। स्वागत सोमलता गुप्ता,शकुंतला सोलंकी, रंजिता जैन एवं शालू पिपरिया ने किया। संचालन शैली परमार ने किया। प्रश्नोत्तरी का संचालन ज्योत्सना पचोरिया ने किया। आभार पल्लवी भटनागर ने माना।

विविध वर्ग की मातृशक्तियों का सम्मान

कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाली मातृशक्तियों पुष्पा चौरसिया को राष्ट्र पुरस्कार,शिक्षिका पद्मजा रघुवंशी को कला क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु, प्रेरणा दाभाड़े-अंजलि भट्ट एवं वैशाली साठे को महिला गृह उद्योग क्षेत्र स, गीता यादव-कल्पना योगी को प्रौढ़ शिक्षा एवं प्रचार कार्य हेतु, साधना जैन-शांति मालवीय-सुशीला जायसवाल-शकुंतला यादव एवं गीता बाई पांचाल को संयुक्त परिवार व्यवस्था के संरक्षण हेतु तथा वंदना पाठक को समाज में प्रेरणास्वरूप योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर सभी मातृशक्तियों ने सामूहिक संकल्प लिया कि नारी का मान बढ़ाएंगे, संस्कारों को अपनाएंगे, शक्ति और सेवा के पथ पर समाज को आगे ले जाएंगे।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल