Uttar Pradesh

दिल्ली ब्लास्ट: जांच एजेंसियों के शक के दायरे में कानपुर देहात के तीन डॉक्टर

डॉक्टर

कानपुर देहात, 17 नवम्बर (Udaipur Kiran) । दिल दहला देने वाले दिल्ली ब्लास्ट की जांच ने एक और दिलचस्प मोड़ ले लिया है। जांच एजेंसियों को अब कानपुर देहात से भी कुछ लोगों का कनेक्शन इस ब्लास्ट में लगता नजर आ रहा है । शुरुआती सुरागों में यह संकेत मिला कि वर्ष 2013 के आसपास तैनात कुछ मेडिकल प्रोफेशनल्स की गतिविधियों की अब नए सिरे से जांच हो सकती है।

जांच टीम और सूत्रों के अनुसार उस समय डॉक्टर शाहीन के साथ काम करने वाले तीन अन्य डॉक्टर की अचानक हुई ग़ैरहाज़िरी का मुद्दा अब फिर से उठाया गया है। रिकॉर्ड बताते हैं कि इन डॉक्टरों ने अलग-अलग कारणों से उस दौरान संस्थान से दूरी बनाई थी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति की सही अवधि और लोकेशन अब सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में है।

दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद जहां एक ओर सफेदपोश आतंकियों का कनेक्शन उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से निकल रहा है वहीं पर कुछ संदिग्ध मामलों को देखते हुए जांच एजेंसियों की नजर कानपुर देहात जनपद की ओर भी मुड़ गई है। वर्ष 2013 में अचानक जनपद से जाने वाले तीन डॉक्टरों के जाने के कारणों को भी अब जांच एजेंसियां जांच परख सकती हैं।

वहीं इस दौरन पूरे मामले में शक के दायरे में आने वाले डॉ हामिद अंसारी ने बताया कि सैलरी कम होने की वजह से वह 2013 में नौकरी छोड़कर सऊदी अरब चले गए थे और वहां जाकर एक यूनिवर्सिटी में नौकरी शुरू कर दी थी। हामिद अंसारी ने बताया कि उनके साथ दो और डॉक्टर ने वहां से नौकरी छोड़ी जो एक मेरा बैचमेट था उसने मेरे साथ ही सऊदी अरब की उसी यूनिवर्सिटी में नौकरी की जहां मैं था। जबकि जो मेरे सीनियर थे उन्होंने एक निजी यूनिवर्सिटी में नौकरी कर ली। डॉक्टर हामिद अंसारी का कहना है कि यह एक संजोग है कि जिस समय हम लोगों ने जीएसवीएम को छोड़ा उसी समय डॉक्टर शाहीन ने भी जीएसबीएम से अचानक गायब हो गईं। बस यही वजह है कि इसको हम लोगों से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन ऐसा कहीं कुछ नहीं है हम लोग सिर्फ अच्छी सैलरी की वजह से सऊदी अरब गए थे।

उन्होंने बताया कि करीब 2020 में सभी लोग भारत आ गए मेरे जो डॉक्टर साथी हैं वह लखनऊ के यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं और मैं अब इस समय कानपुर देहात की मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हूं। इस बीच अगर कोई भी जांच एजेंसियां हमसे संपर्क करती है तो मैं पूरा जांच में सहयोग करूंगा। डॉ हामिद अंसारी ने बताया कि जो अन्य डॉक्टर मेरे साथ सऊदी अरब गए थे उनमें से एक इस समय जिनका नाम हफिजुल रहमान है वो एंटीग्रेल यूनिवर्सिटी में कार्यरत है। दूसरे डॉ निसार ऐरा मेडिकल कॉलेज लखनऊ में तैनात है । फिलहाल यह जांच एजेंसियों द्वारा इस मामले में जांच जरूर की जा सकती है।

(Udaipur Kiran) / अवनीश अवस्थी