लखनऊ, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश में पिछले कई दिनों से शिक्षक
ऑनलाइन हाजिरी को लेकर आंदोलनरत हैं। शिक्षक संगठन सरकार के इस फरमान
का विरोध कर रहे हैं। अध्यापकों के इस विरोध के समर्थन में मुख्यमंत्री
को पत्र भेजा है और इसे स्थगित करने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय
राय ने आज डिजिटल हाजिरी समेत शिक्षकों, छात्रों और विद्यालयों की तमाम
समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर सरकार को
शिक्षकों से बात करके ही किसी निर्णय पर पहुंचना चाहिए था। इस तरह के तुगलकी फरमान
लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करते हैं।
श्री राय ने कहा कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में
शिक्षकों और कर्मियों के बहुत सारे स्वीकृत पद खाली पड़े हैं, इसलिए कार्यरत अध्यापकों पर उनके
दायित्वों के अतिरिक्त कार्य के संपादन का भार है। इतना ही नहीं शिक्षण कार्य के अलावा शिक्षकों
से तमाम ऐसे कार्य कराए जाते हैं, जो
उनके दायित्व में नहीं आते हैं।
नतीजा जो शिक्षकों का मूल कार्य है,
उसके लिए उनके पास समय नहीं बचता।
उन्होंने कहा कि
विद्यार्थी टूटे हुए भवन, टूटी कुर्सियां, मेज पर बैठकर शिक्षा
ग्रहण करने को मजबूर हैं।
इतना ही नहीं शिक्षकों के लिए भी और खास तौर पर महिला शिक्षिकाओं के लिए मूल
व्यवस्थाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। कई विद्यालयों में शौचालय तक नहीं है, जिसकी वजह से महिला शिक्षिकाओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना
पड़ता है। अधिकतर विद्यालय दूर दराज के ग्रामीण
इलाकों में हैं, जहां समय से पहुंचना बहुत दुष्कर है। कहीं नदी नालों को पार करके
जाना है तो कहीं सड़कें टूटी हुई हैं, कच्चे रास्तों से जाना है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि संवेदनशील विषय पर सुविचारित व्यवस्था
लागू होने से पहले इस आदेश के क्रियान्वयन को तात्कालिक प्रभाव से स्थगित कर दें।
विदित हो कि सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों
में शिक्षकों की डिजिटल हाजरी बाध्यकारी कर दी गई है।
(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय / मोहित वर्मा