Uttar Pradesh

पूर्वी यूपी में पहली बार पीएफओ डिवाइस क्लोजर से क्रॉनिक माइग्रेन का सफल इलाज

चिकित्सकगण

-पन्द्रह वर्षों से पीड़ित 50 वर्षीय महिला को मिली राहत

प्रयागराज, 21 नवम्बर (Udaipur Kiran) । पूर्वी उत्तर प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की गई है। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 50 वर्षीय महिला के हृदय में मौजूद 5 मिमी के पीएफओ (Patent Foramen Ovale) को डिवाइस क्लोजर तकनीक के माध्यम से सफलतापूर्वक बंद किया गया। महिला पिछले 15 वर्षों से गंभीर क्रॉनिक माइग्रेन से पीड़ित थी और लगातार इलाज के बावजूद उसे कोई राहत नहीं मिल पा रही थी। यह प्रक्रिया पूर्वी यूपी में अपने प्रकार की पहली सफल प्रक्रिया मानी जा रही है। इस जटिल प्रक्रिया (ऑपरेशन) को काॅर्डियोलॉजी विभाग की विशेषज्ञ टीम डॉ. वैभव श्रीवास्तव, डॉ. विमल निषाद एवं डॉ. ऋषिका पटेल ने सफलता पूर्वक अंजाम दिया। प्रक्रिया के दौरान कार्डियक तकनीशियन रामनिवास और जय प्रकाश ने भी महत्वपूर्ण तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

डॉ. वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि पीएफओ सामान्यतः हर चार में से एक व्यक्ति में पाया जाता है। लेकिन इसका माइग्रेन से सम्बंध बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलता है। जब हृदय के दाएं हिस्से का रक्त इस छोटे छिद्र के माध्यम से बाएं हिस्से में पहुंचता है, तो कुछ मरीजों में असहनीय माइग्रेन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ऐसे चयनित मामलों में डिवाइस क्लोजर एक प्रभावी उपचार विकल्प साबित होता है।

वहीं डॉ. विमल निषाद ने बताया कि कुछ उच्च जोखिम वाले पीएफओ मामलों में स्ट्रोक की सम्भावना भी बनी रहती है, इसलिए समय रहते जांच और उपचार बेहद जरूरी है। विभागाध्यक्ष डॉ. पीयूष सक्सेना ने इसे क्रॉनिक माइग्रेन से पीड़ित मरीजों के लिए एक नवीन और आशाजनक उपचार विधि बताते हुए कहा कि इससे उन मरीजों को राहत मिल सकेगी जो लम्बे समय से दवाइयों पर निर्भर रहने के बावजूद आराम नहीं पा रहे थे।

मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ वी.के.पांडेय के अनुसार यह उपलब्धि पूर्वी उत्तर प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ती है और भविष्य में गंभीर माइग्रेन व पीएफओ से पीड़ित मरीजों के लिए नई उम्मीद का मार्ग प्रशस्त करेगी।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र