Delhi

स्मार्ट कार्ड, आधुनिक बस स्टॉप और नए रूट से दिल्ली को मिलेगी नई परिवहन सुविधा

दिल्ली की मुख्यमंत्री बैठक के दौरान

नई दिल्ली, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार डीटीसी का कायाकल्प करने के उद्देश्य से एक व्यापक योजना लेकर आई है। उद्देश्य है कि डीटीसी लाभप्रद, अत्याधुनिक, कार्यकुशल और यात्री सुविधा केन्द्रित हो। इसके लिए डीटीसी बसों के रूट आईआईटी दिल्ली की सहायता से नए सिरे से तय किए जा रहे हैं। जल्द ही मेट्रो, डीटीसी और आरटीएस के लिए एकल स्मार्ट कार्ड भी जारी होगा। महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के लिए विशेष पिंक कार्ड योजना शुरू की जाएगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को अत्याधुनिक और जनसुलभ बनाने का खाका तैयार किया गया। बैठक में परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह, मुख्य सचिव धर्मेन्द्र, आयुक्त निहारिका राय सहित अधिकारी शामिल हुए।

परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि डीटीसी के बेड़े में 4,800 ईवी बसें और 1,800 सीएनजी बसें हैं। इनमें ‘देवी’ सेवा की लोकप्रियता उल्लेखनीय रही है। सभी बस डिपो को ईवी चार्जिंग और मेंटिनेंस सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य डीटीसी को घाटे से निकालकर राजस्व लाभ वाली संस्था बनाना है। रूट रेशनलाइजेशन के साथ नए स्मार्ट शेल्टरों का निर्माण प्राथमिकता है।

योजना के अंतर्गत एकीकृत स्मार्ट कार्ड व्यवस्था लागू की जाएगी, जिसके माध्यम से डीटीसी, मेट्रो और आरटीएस जैसी सेवाओं में एक ही कार्ड से यात्रा संभव होगी। साथ ही महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के लिए पिंक कार्ड की भी घोषणा की गई है, जिसके ज़रिए वे डीटीसी बसों में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगी। यह कार्ड बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा और इसकी व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी और सुलभ होगी।

बस सेवाओं को अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए आईआईटी दिल्ली के सहयोग से नए रूट तैयार किए जा रहे हैं। ये रूट छोटे इलाकों और मेट्रो स्टेशनों को जोड़ेंगे, जिससे यात्रियों की सुविधा में इज़ाफा होगा। यमुनापार से इस प्रयोग की शुरुआत की जाएगी और फिर इसे पूरे दिल्ली में लागू किया जाएगा।

राजधानी के प्रमुख अंतरराज्यीय बस अड्डों- कश्मीरी गेट, सराय काले खां और आनंद विहार को भी अत्याधुनिक बनाने की योजना है। इन बस अड्डों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से युक्त किया जाएगा, ताकि यात्रियों को स्वच्छ, सुरक्षित और तकनीकी रूप से समृद्ध परिवेश मिल सके। इनमें डिजिटल टिकटिंग, सूचना पैनल और बेहतर प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी।

सरकार का लक्ष्य डीटीसी को 60,000 करोड़ रुपये के घाटे से उबार कर लाभकारी और आत्मनिर्भर संस्था बनाना है। इसके लिए रूट रेशनलाइजेशन और यात्रियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नई बस स्टॉप योजनाओं को लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री दोनों ने यह स्पष्ट किया है कि यह बदलाव दिल्ली को विश्वस्तरीय परिवहन सेवा देने की दिशा में निर्णायक कदम होगा।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दिल्ली के सभी बस क्यू शेल्टर हाईटेक और सुविधाजनक बनाए जाएंगे, जिनमें बस की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध होगी। वर्तमान में 4,627 शेल्टरों में से 2,021 कार्यरत हैं। इन्हें पीपीपी मॉडल पर और सौर ऊर्जा से संचालित करने की योजना है।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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