
सीहोर, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सीहोर में कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में सोमवार को टीएल बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने जिले में चल रहे मतदाता सूची के ’विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य’ की विस्तृत समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि मतदाता सूची लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मूल आधारशिला है, इसलिए पुनरीक्षण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्य अत्यंत संवेदनशील एवं प्राथमिकता का है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रतिदिन की प्रगति स्वयं मॉनिटर करें और कमियों का तत्काल निराकरण सुनिश्चित करें।
उन्होंने सभी एसडीएम एवं तहसीलदार को निर्देश दिऐ कि प्रत्येक बीएलओ के काम की समीक्षा और एसआईआर की फील्ड में जाकर निरीक्षण करें। हर दिन एसआईआर के काम की मॉनिटरिंग करें और यह कार्य समय सीमा में कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को पुनरीक्षण कार्य की ’गति और गुणवत्ता’ दोनों को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि जो भी क्षेत्रों में कार्य धीमा है, वहां विशेष निगरानी की व्यवस्था की जाए। कलेक्टर ने जनजागरूकता बढ़ाने और मतदाताओ की गणना फार्म भरने में मदद करने के भी निर्देश दिये।
कलेक्टर ने बैठक में सभी विभागों के समय-सीमा वाले प्रकरणों और सीएम हेल्पलाइन में लंबित प्रकरणों की समीक्षा की और समय सीमा के भीतर सभी प्रकरणों का संतुष्टिपूर्ण निराकरण करने के निर्देश दिए। सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें प्राथमिकता से बंद कराई जाएं। बैठक में अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह, संयुक्त कलेक्टर वंदना राजपूत, रविन्द्र परमार, एसडीएम तन्मय वर्मा, स्वाति मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर जमील खान सहित सभी विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
विभिन्न परियोजनाओं के लिये भू-अर्जन की प्रक्रिया में तेजी लाएं
कलेक्टर बालागुरू के. ने रेलवे तथा नेशनल हाईवे से जुड़ी विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को कार्य में ’गति लाने’ के निर्देश दिए। बैठक में भू-अर्जन, मुआवजा वितरण तथा प्रभावित भूमि पर समयसीमा के भीतर कब्जा दिलाने से संबंधित प्रक्रियाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि रेलवे एवं नेशनल हाईवे जैसी प्रमुख आधारभूत संरचना परियोजनाएँ जिले के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इनके लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण के कार्यों में देरी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने, शेष पात्र भू-स्वामियों को ’समुचित एवं पारदर्शी मुआवजा’ शीघ्र वितरित करने तथा कब्जा दिलाने की प्रक्रिया को नियम अनुसार जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने यह भी कहा कि जहाँ भी तकनीकी अथवा प्रशासनिक अड़चनें हैं, उन्हें विभाग तुरंत चिन्हित कर समाधान प्रस्तुत करें, ताकि परियोजनाएँ बिना बाधा आगे बढ़ सकें। उन्होंने फील्ड स्तर पर नियमित समीक्षा, रिपोर्टिंग और सतत निगरानी की व्यवस्था मजबूत करने पर भी जोर दिया।
मंडी सोयाबीन खरीदी की कार्यवाही की मॉनिटरिंग करें
कलेक्टर ने कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन खरीदी प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में मंडियों में बोली को ’कृत्रिम रूप से नीचे आने’ न दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, यह प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने संबंधित मंडी अधिकारियों, उप संचालक कृषि एवं राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रतिदिन मंडी गतिविधियों की ’सघन मॉनिटरिंग’ करें। यदि किसी व्यापारी या एजेंट द्वारा मिलीभगत कर बोली दबाने, अनुचित व्यवहार या किसी प्रकार की हेराफेरी की कोशिश की जाती है, तो उसके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने मंडियों में पारदर्शिता बढ़ाने, खरीद प्रक्रिया को सुचारू रखने तथा किसानों को सही और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए।
धान खरीदी के लिये समुचित व्यवस्थायें करें
कलेक्टर ने जिले में धान उपार्जन की तैयारी की विस्तृत समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों और एजेंसियों को सभी ’आवश्यक व्यवस्थाएँ समय रहते पूर्ण’ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपार्जन केंद्रों पर आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यवस्था मजबूत और सुव्यवस्थित करनी होगी। कलेक्टर ने खाद्य, विपणन, सहकारी संस्थाओं एवं राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि धान खरीदी के लिए ’तौल-कांटे, बारदाने, स्टाफ, परिवहन व्यवस्था, भंडारण स्थल तथा आईटी उपकरणों’ की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने केंद्रों पर साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, शेड और प्रतीक्षा व्यवस्था जैसे ’किसान-हितैषी प्रबंध’ भी पूरी तरह दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों के, खरीदी, तुलाई और भुगतान की पूरी प्रक्रिया ’पारदर्शी और व्यवस्थित’ रहे। किसी भी केंद्र पर अनावश्यक प्रतीक्षा या तकनीकी समस्या न हो, इसके लिए अधिकारियों को नियमित निगरानी के निर्देश दिए।
जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता और सुचारू वितरण सुनिश्चित करें
कलेक्टर ने जिले में खाद की उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों और आपूर्ति एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि खाद का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखा जाए और किसानों को किसी भी प्रकार की कमी या परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि आगामी सीजन में खाद की मांग के अनुरूप अग्रिम योजना बनाकर आपूर्ति, परिवहन और भंडारण की व्यवस्थाएँ सुव्यवस्थित रखना आवश्यक है। उन्होंने कृषि, सहकारिता और मार्कफेड अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी समितियों एवं विक्रय केंद्रों पर खाद की ’नियमित और पारदर्शी सप्लाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि वितरण व्यवस्था में कोई अनियमितता या कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कहीं शिकायत मिलती है तो तत्काल जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने गीता भवन तथा फायर स्टेशन के लिये उपयुक्त भूमि का चयन करने, विभिन्न आयोगों के पत्रों का जवाब भेजने, न्यायालय में समय पर जवाबदावा प्रस्तुत करने, राहवीर योजना एवं हिट एण्ड रन मामले में शीघ्र कार्यवाही करने, ग्राम पंचायतों में संचालित नल जल योजना के उपभोक्ताओं से जलकर की राशि संग्रह करने तथा वालमेन के भुगतान और विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये।
(Udaipur Kiran) तोमर