Madhya Pradesh

राजगढ़ में सप्तशक्ति संगम : भारत की सभ्यता और विकास में महिलाओं की भूमिका निर्णायक- डॉ. निवेदिता शर्मा

महिलाओं का योगदान सदैव अग्रणी रहा-डाॅ. निवेदिता शर्मा

राजगढ़,ब्यावरा15 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारत के विकास, सामाजिक संरचना और सभ्यता के निर्माण में महिलाओं की भूमिका सदैव अग्रणी रही है। आज भी देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी भले ही लगभग 17 प्रतिशत हो, लेकिन इस हिस्सेदारी को बढ़ाने की आवश्यकता और संभावनाएँ दोनों ही मौजूद हैं। यह बात शनिवार को सरस्वती शिशु मंदिर, ब्यावरा में विद्या भारती द्वारा आयोजित सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. निवेदिता शर्मा (पूर्व सदस्‍य, मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने कहीं।

“महिला शक्ति ही परिवार, समाज और राष्ट्र का आधार”

सप्तशक्ति जागरण विषय पर अपने प्रभावशाली संबोधन में डॉ. शर्मा ने कहा कि प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक युग तक महिलाओं ने शिक्षा, नीति, संस्कृति और परिवार को स्थिरता प्रदान करने में सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने विशेष रूप से कुटुंब प्रबोधन पर जोर देते हुए कहा कि “परिवार को संस्कारवान बनाना, बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास करना और समाज में सौहार्द स्थापित करना, इन सभी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की पहचान मजबूत हो रही है और इसमें महिला शक्ति का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।

पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य और स्व-बोध पर भी जोर

डॉ. शर्मा ने महिलाओं से पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्व-बोध अर्थात स्वयं को समझना और अपने अधिकारों व कर्तव्यों के बीच संतुलन स्थापित करना आज की महिला के लिए आवश्यक है। नागरिक कर्तव्यों के पालन को उन्होंने समाज और राष्ट्रोत्थान की अनिवार्य शर्त बताया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद पंचायत अध्यक्ष राधा गुर्जर उपस्थित रहीं। उन्होंने महिला शक्ति को समाज परिवर्तन का आधार बताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से महिलाओं में जागृति और आत्मविश्वास दोनों बढ़ते हैं। नगर तथा आसपास क्षेत्रों की बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

संयुक्त परिवार के बिखरने पर चिंता

विशेष अतिथि प्राचार्या बबीता मिश्रा ने बदलती जीवनशैली पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिकता और व्यक्तिगतता के बढ़ते प्रभाव की वजह से संयुक्त परिवार टूट रहे हैं, जिसका असर सीधे सामाजिक ताने-बाने पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “परिवार को एकजुट रखना और बच्चों में सांस्कृतिक मूल्यों का संचार करना आज और अधिक बड़ी जिम्मेदारी बन गया है, जिसे महिलाएँ ही सबसे प्रभावी तरीके से निभा सकती हैं।”

धार्मिक ग्रंथों पर आधारित प्रश्नोत्तरी में दिखा उत्साह

कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण महिलाओं के लिए आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता रही। इसमें वेद-पुराण, रामायण और महाभारत पर आधारित कई रोचक प्रश्न पूछे गए, जिनमें प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और अपने ज्ञान का शानदार प्रदर्शन किया। आयोजन के दौरान महिलाओं में जागरूकता, सहभागिता और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति गहरी रुचि देखने को मिली।

कार्यक्रम का संचालन प्रीति गौतम ने किया, जबकि वर्षा मंगल ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजन से जुड़े लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में समाज, परिवार और राष्ट्र निर्माण में महिला शक्ति की निर्णायक भूमिका पर सामूहिक सहमति व्यक्त की गई।

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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक