
उरई, 05 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित प्रारम्भिक त्रिदिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का समापन अनुशासन, ऊर्जा और उत्साह से भरे वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण वर्ग में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों ने राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका, संगठन की कार्यप्रणाली तथा व्यक्तिगत चरित्र निर्माण के मूल्यों को गहराई से समझा। तीन दिनों तक चले वर्ग में शारीरिक, बौद्धिक और व्यवहारिक सभी पक्षों पर विशेष ध्यान दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान स्वयंसेवकों को नित्य की दिनचर्या, योग, दंड अभ्यास, व्यायामयोग, तथा समूह समन्वय जैसे शारीरिक प्रशिक्षण सत्रों से शारीरिक सुदृढ़ता और सामूहिक सद्भाव की भावना विकसित की गई। भाषाई प्रशिक्षण में शिष्ट, स्पष्ट और संयमित संवाद शैली अपनाने पर बल दिया गया। बताया गया कि स्वयंसेवक का व्यक्तित्व उसकी भाषा और व्यवहार में प्रकट होता है। बौद्धिक सत्रों में संघ की स्थापना, उसके उद्देश्यों, राष्ट्र जीवन में संघ की भूमिका और समाज निर्माण में संस्कारित कार्यकर्ता के महत्व पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वयंसेवकों को यह स्पष्ट किया गया कि संघ का लक्ष्य समाज को संगठित, जागरूक और आत्मविश्वासी बनाना है, ताकि राष्ट्र सशक्त रूप में खड़ा हो सके।
समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए सहखंड संघ चालक गोविंद ने कहा कि “संघ केवल शाखा तक सीमित न रहे। प्रत्येक स्वयंसेवक अपने जीवन, परिवार, कार्यक्षेत्र और समाज में संघ के संस्कारों को लागू करे।” खंड कार्यवाह राजेंद्र ने संगठनात्मक कार्य विस्तार, सामाजिक सम्पर्क और शाखा संचालन को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। इसके साथ ही खंड प्रचारक अभय सिंह ने संघ की वैचारिक धारा, सेवा कार्यों और सामाजिक समरसता पर मार्गदर्शन दिया।
खंड बौद्धिक प्रमुख गुलशन और गिरीश ने बताया कि सेवा, विनम्रता, संयम और राष्ट्र प्रेम ही संघ कार्यकर्ता की पहचान है। वर्ग की सम्पूर्ण व्यवस्था में सुदीप सेंगर, उमाकांत, हरिवंश और कार्यकर्ताओं की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सभी के सहयोग से वर्ग सौहार्दपूर्ण और सफलता पूर्वक संचालित हुआ। अंत में सामूहिक प्रार्थना व राष्ट्र सेवा के संकल्प के साथ प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ। स्वयंसेवकों ने निष्ठा, समर्पण और सेवा भाव के साथ समाज में कार्य करने का संकल्प लिया।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा