
राजगढ़, 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के भोजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खोखेड़ा में रविवार को महिला बाल विकास विभाग की टीम ने सतर्कता दिखाते हुए 16 वर्षीय बालिका के विवाह को रोका साथ ही पंचानामा तैयार किया गया। परिवार को समझाईश दी गई की बाल विवाह अपराध है, यह कानून का उल्लंघन है।बतादें कि कलेक्टर डाॅ.गिरीशकुमार मिश्रा के निर्देश पर ग्राम मोकमपुरा एवं खोखेड़ा में बाल विवाह मुक्त अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बाल विवाह के दुष्प्रभाव, कानूनी प्रावधान तथा रोकथाम के उपायों के प्रति ग्रामीणों को जागरुक करना है।
कार्यक्रम में बीएमओ हिमांशु मीणा ने बताया कि बाल विवाह एवं बाल सगाई एक सामाजिक बुराई है, इसे समाप्त करने पर ही समाज का पूर्ण विकास संभव है। इस मौके पर वन स्टाॅप प्रशासक रश्मि चैहान ने कहा कि सतर्कता और जागरुकता से ही बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोका जा सकता है। कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी रिंकी धाकड़ ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह करने वाले या करवाने वाले को दो साल की जेल और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
संवाद कार्यक्रम के पश्चात् ग्राम खोखेड़ा में 16 वर्षीय बालिका के विवाह की सूचना प्राप्त होने पर महिला बाल विकास विभाग की टीम ने सतर्कता से बाल विवाह रुकवाने की कार्रवाई की। परिवार को समझाईश दी गई बाल विवाह अपराध है, यह कानून का उल्लंघन है। कार्रवाई के दौरान बाल संरक्षण अधिकारी रिंकी धाकड़, सुपरवाइजर संतोष चैहान, एसआई विनोद मीणा, महिला आर.प्रिया मीणा मौजूद रहे, टीम ने पंचनामा पर हस्ताक्षर करवा कर बाल विवाह न करने की शपथ ली।
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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक