Madhya Pradesh

राजगढ़ःट्रेन से महिलाओं के पर्स चोरी करने वाली गिरोह के तीन सदस्य पकड़ाए, माल बरामद

करने वाली गिरोह के तीन सदस्य पकड़ाए, माल बरामद

राजगढ़,14 नवंबर (Udaipur Kiran) । मप्र के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में जीआरपी ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग साढ़े तीन माह पहले अहमदाबाद–दरभंगा क्लोन स्पेशल ट्रेन में हुई पर्स चोरी की घटना का शुक्रवार को पर्दाफाश कर दिया है। यह मामला 25 जुलाई का है, जब बी/6 कोच में यात्रा कर रही एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पर्स अज्ञात बदमाश चोरी कर ले गया। पर्स में चांदी की पायल, बिछिया और पांच हजार रुपये नकद सहित कुल 10,500 रुपये मूल्य का सामान था। शिकायत पर जीआरपी ने धारा 305(सी) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी।

जांच को गति देने के लिए पुलिस अधीक्षक रेल इंदौर पद्मविलोचन शुक्ल के निर्देश पर उप पुलिस अधीक्षक ज्योति शर्मा के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने तकनीकी पहलुओं और मुखबिरों की जानकारी के आधार पर संदिग्धों के ठिकानों का पता लगाना शुरू किया। इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि चोरी में शामिल गिरोह के सदस्य ब्यावरा क्षेत्र में सक्रिय हैं। सूचना मिलते ही जीआरपी की टीम ने तत्काल घेराबंदी की योजना बनाई।

घेराबंदी के दौरान तीन संदिग्ध पकड़े गए, जो पूछताछ में पेशेवर चोर निकले। ये तीनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और कई राज्यों में ट्रेनों में यात्रियों के सामान को निशाना बनाकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। गिरफ्तार आरोपितों में 50 वर्षीय सलीम पुत्र मुन्ना मुसलमान निवासी बिजनौर, 67 वर्षीय मोहम्मद ताहिर पुत्र अब्दुल राशिद निवासी नटहौर छापाग्राम थाना बिजनौर तथा 45 वर्षीय मोहसिन पुत्र मोहम्मद मोबीन खान निवासी गांधी नगर थाना मोदीनगर जिला गाजियाबाद शामिल हैं।

जीआरपी ने इन आरोपितों के कब्जे से कुल 7,500 रुपये मूल्य का मशरूका बरामद किया है, जिसमें चोरी गए सामान का एक हिस्सा और कुछ नकदी शामिल है। पुलिस के अनुसार सामान का शेष हिस्सा आरोपितों ने या तो खर्च कर दिया या बेच दिया था। आरोपितों को न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, वहीं अन्य जिलों और ट्रेनों में हुई चोरी की घटनाओं में उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।

पूरी कार्रवाई के दौरान जीआरपी ब्यावरा थाना प्रभारी गोपालसिंह कनासिया, प्रआर रविंद्र परते, मनोज चौधरी, इंदरसिंह, आरक्षित अभिषेक यादव, सतेन्द्र सहित अन्य पुलिसकर्मी उपस्थित रहे। इस सफलता ने न केवल तीन माह पुराने मामले को सुलझाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीआरपी लगातार सक्रिय और सतर्क है।

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(Udaipur Kiran) / मनोज पाठक