Uttrakhand

हनीगाड-देवाल-पूर्णा पेयजल योजना पर उठने लगे सवाल, क्षेत्रीय जनता ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

देवाल क्षेत्र के लिए बनी पेयजल लाईन।

गोपेश्वर, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । चमोली जिले के देवाल विकास खंड मुख्यालय समेत आसपास के दस हजार की आबादी की प्यास बुझाने के लिए बन रही हनीगाड-देवाल-पूर्णा पेयजल योजना पर शुरुआती दौर में ही भ्रष्टाचार का ग्रहण लगने लगा है। योजना को लेकर उठ रहे सवालों के चलते अब उच्च स्तरीय जांच की मांग भी उठने लगी है।

पिछले एक दशक से देवाल विकास खंड मुख्यालय बाजार में पेय जल की ज्वलंत समस्या बनी है। आबादी बढ़ने के साथ हर घर पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है। इसके लिए लौसरी गांव की सीमा हनीगाड से जैन बिष्ट हाटकल्याणी गांव इंटर कालेज से होते हुए देवाल बाजार से पूर्णा गांव तक योजना के‌ निर्माण के लिए दो करोड़ 48 लाख का ठेकेदार का अनुबंध हुआ है। प्राक्कलन के तहत योजना में 18 किलोमीटर लम्बाई के साथ तीन टैंक बनाना है। इसके निर्माण में स्रोत से 80 एमएम पाइप लगाए हैं। उसके बाद सीधे 65 एमएम पाइप लगभग 300 मीटर बिछाई गई है और अब 80 एमएम पाइप लगाया गया है। अधिकांश जगह पेयजल लाइन के पाइपों को जमीन में नहीं दबाया गया है। कम गुणवत्ता के साकेट और यूनियन लगने से पानी का रिसाव हो रहा है। चट्टानों वाले क्षेत्र में पाइप हवा में लटक रहे हैं। पिछले दिनों इस लाइन को पानी की पूर्ति करने के लिए विभाग ने इसे गमलीगाड योजना से जोड़ा, जो असफल रहा।

थराली विधान सभा के विधायक भूपाल राम टम्टा ने हनीगाड पेयजल योजना का स्थलीय निरीक्षण किया। योजना के निमार्ण में कई खामियां उजागर हुईं। उन्हाेंने कहा कि मेरे संज्ञान में मामला आया तो मैंने नौ जून को हनीगाड पेयजल योजना का निरीक्षण किया, जाे मानकों के अनुरूप नहीं बन रही है। योजना की उच्चस्तरीय जांच के लिए मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।

जल निगम कर्णप्रभाग डिवीजन के अधिशासी अभियंता अरुण प्रताप सिंह ने कहा कि योजना का अभी सात किलोमीटर निर्माण हुआ है। ठेकेदार को 34 लाख का भुगतान हुआ है। कार्य सितम्बर माह में पूरा करने की अवधि है। योजना में लगे 65 एमएम के पाइपों को बदल कर 80 एमएम पाइप लगाए जाएंगे।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल / Satyawan Yadav / दधिबल यादव

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