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कार्तिक पूर्णिमा पर शहर में शादियों की धूम : दीपदान की परम्परा का होगा निर्वहन

jodhpur

जोधपुर, 05 नवम्बर (Udaipur Kiran) । खुशियों व रोशनी के त्योहार दीपावली के बाद बुधवार को एक बार फिर कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली मनाई जा रही है। आज रात सूर्यनगरी एक बार फिर जगमगाएगी। शहर के प्राचीन जलाशयों पर दीपदान की परम्परा का निर्वहन किया जाएगा। इससे पहले आज सुबह लोगों ने पवित्र जलाशयों में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया। इसके साथ ही आज अबूझ सावा होने के कारण शहर में शादियों की धूम मची हुई है।

कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष में आज शहर के पवित्र जलाशय में दीपदान के कार्यक्रम होंगे। साथ ही वैष्णव मंदिरों में कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि को तुलसी विवाह भी होंगे। देव प्रबोधिनी एकादशी से आरंभ किए गए भीष्म पंचक व्रत का भी पारणा किया जा रहा है। शहर के निकट मोकलावास ग्राम में भोगिशैल पहाडिय़ों में स्थित पौराणिक महत्व के तीर्थ स्थल अरना-झरना तीर्थ परिसर में कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन किया गया।

यहां सुबह स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करने से इस पूरे महीने के गए पूजा-पाठ के बराबर फल मिलता है। मेले में जोधपुर सहित मारवाड़ के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके अलावा घरों-मंदिरों में तुलसी विवाह के आयोजन किए गए। पदमगढ़ जल संरक्षण एवं संवर्धन परिषद ब्रह्मपुरी के तत्वावधान में कार्तिक मास की पूर्णिमा बुधवार को देव दीपावली पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। परिषद के अध्यक्ष जयप्रकाश दवे ने बताया कि इस वर्ष पदम सागर में दीप़ दान कार्यक्रम रखा गया है।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय अधिकारी व प्रचारक की ओर से महाआरती की जाएगी। संघ के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए 1001 दीपक से घाट को सजाया जाएगा।

11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे :

श्रीगणपति मेढ़ जागृति एवं विकास समिति के तत्वावधान में मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज का समाज का पंचम सामूहिक विवाह एवं तुलसी विवाह समारोह आज परिहार नगर क्षेत्र 80 फीट रोड स्थित बालाजी फार्म परिसर में हुआ, जिसमें समाज के 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।

251 दीपकों से रोशनी की :

श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन मंदिर गुरो का तालाब में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष में पूजन किया गया। मंदिर के ट्रस्टी ओमप्रकाश चोपड़ा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष में मंदिर की में 251 तेल के दीपक से रोशनी की गई एवं शत्रुंजय पट के दर्शन, भाव यात्रा कर चैत्य वंदन किया गया। इसके साथ ही देश प्रदेश में सुख शांति की कामना की गई। कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष में भगवान की भव्य आंगी बनाई गई।

(Udaipur Kiran) / सतीश