
जयपुर, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान के स्कूलों की व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में अब विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म एक जैसी होगी। यह निर्णय शिक्षा में समानता और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा यूनिवर्सिटी में मीडिया से बातचीत के दौरान यह घोषणा की।
उन्होंने बताया कि आगे चलकर शिक्षकों के लिए भी यूनिफॉर्म और आईडी कार्ड अनिवार्य किए जाएंगे। साथ ही, सभी विद्यार्थियों को भी पहचान पत्र पहनना जरूरी होगा, ताकि उनकी पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब राजस्थान में शैक्षिक सत्र की शुरुआत एक जुलाई के बजाय एक अप्रैल से की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस बदलाव से विद्यार्थियों को समय पर किताबें मिलेंगी और वे गर्मियों की छुट्टियों में पढ़ाई कर सकेंगे।
अब तक सत्र जुलाई से शुरू होने के कारण किताबों का वितरण समय पर नहीं हो पाता था।
दिलावर ने अपने तीन विभागों पंचायती राज, शिक्षा और संस्कृत विभाग के लिए एक नया नियम लागू करने की घोषणा की। अब इन विभागों के कार्यालयों की शुरुआत राष्ट्रीय गान से होगी और समापन राष्ट्रीय गीत से हाेगा।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की हाजिरी तभी दर्ज होगी, जब वे राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के समय उपस्थित होंगे।
इस नियम का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और देशभक्ति की भावना को मजबूत करना है।
दिलावर ने एक और नई व्यवस्था की घोषणा की, जिसके तहत अब अभिभावकों को यह जानकारी दी जाएगी कि उनका बच्चा स्कूल पहुंचा है या नहीं।
यदि कोई विद्यार्थी अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सूचना ‘शाला दर्पण पोर्टल’ के माध्यम से अभिभावकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी।
उन्होंने कहा कि माता-पिता को यह पता होना चाहिए कि उनका बच्चा स्कूल गया है या नहीं। यह व्यवस्था बच्चों की सुरक्षा और निगरानी के लिए जरूरी है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य सरकारी और निजी स्कूलों के बीच का अंतर कम करना और विद्यार्थियों के बीच समानता की भावना को प्रोत्साहित करना है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित