नैनीताल, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने सामाजिक कार्यकता व आरटीआई एक्टिविस्ट हल्द्वानी निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया को सुरक्षा दिलाये जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तिथि नियत की है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इनके ऊपर गुंडा एक्ट कैसे लगाया, इस पर जवाब पेश करें।
मामले के अनुसार याचिका में कहा है कि वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने स्टोन क्रेशर, खनन भंडारण सहित एनजीटी व उच्च न्यायलय के आदेशों की अवहेलना की। जिसका घोर विरोध पोखरिया के द्वारा किया गया, लेकिन सरकार ने अपने कार्यों को छुपाने के लिए उनके खिलाफ चोरगलिया पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 107, 116 की कार्रवाई की। फिर उसी रिपोर्ट को आधार बनाकर उनका लाइसेंसी शस्त्र निरस्त कर मालखाने में जमा करा दिया। अपने आप को दोषमुक्त दिखाने के लिए न्यायलय की शरण ली और उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने दोषमुक्त कर दिया था। फिर पुलिस द्वारा दोषमुक्त अपराधों को आईपीसी की धारा 16 व 17 में उन्हें दोषी दिखाकर गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते हुए जिला बदर की कार्रवाई कर दी, लेकिन न्यायलय ने इस मामले में भी उन्हें 2022 में दोषमुक्त कर दिया। लेकिन जिला अधिकारी ने लाइसेंस का नवनीकरण करने की अनुमति नहीं दी। उनके द्वारा डीजीपी को शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत में पुलिस द्वारा बगैर अपराध के गुंडा एक्ट लगाने, बिना उनके द्वारा लाइसेंसी शस्त्र का दुरुपयोग किए लाइसेंस निरस्त करने, उनकी सामाजिक छवि को खराब करने के लिए थाने में बुलाकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
राज्य सूचना आयोग ने उनके इस प्रकरण पर सुनवाई करते हुए एसएसपी नैनीताल को निर्देश दिए कि उनको सुरक्षा दी जाय। साथ में जांच रिपोर्ट करें। एएसपी हल्द्वानी द्वारा गलत जांच रिपोर्ट बनाकर पेश की गई। आयोग ने एएसपी की कार्यशैली की घोर निंदा की। कहा कि बिना जांच करे उन वादों की रिपोर्ट पेश कर दी जिनमें वे दोषमुक्त हो चुके हैं इसलिए इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, न ही उनको सुरक्षा दी गयी। इसको आधार बनाकर उनके द्वारा उच्च न्यायलय में सुरक्षा दिलाए जाने की गुहार लगाई है। याचिका में राज्य सरकार, डीजीपी, डीआईजी कुमायूं, एसएसपी नैनीताल और एसएसपी उधम सिंह नगर को पक्षकार बनाया है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / लता / वीरेन्द्र सिंह