
श्योपुर, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा के दौरान बोत्सवाना ने भारत को 8 चीते औपचारिक रूप से सौंपे हैं। यह कार्यक्रम बोत्सवाना की राजधानी गैबोरोन के मोकोलोड़ी नेचर रिजर्व में आयोजित हुआ। इस दौरान बोत्सवाना के राष्ट्रपति डुमा गिडियोन बोको भी मौजूद थे। इन चीतों को कालाहारी के घांजी इलाके से लाया गया।
चीतों को भारत के हैंडऑवर करते समय 2 चीतों को तुरंत क्वारेंटाइन में रखा गया है। सभी चीते कुछ हफ्तों तक बोत्सवाना में क्वारेंटाइन रहेंगे। इसके बाद अगले महीने इन्हें भारत भेजा जाएगा। प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत में 2022 में नामीबिया से 8 चीते लाए गए। फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे।
भारत आने के बाद कहां देश के दो बड़े उद्यानों में शिफ्ट हो सकते हैं चीता
मप्र के पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ शुभ रंजन सेन के अनुसार बोत्सवाना में 8 चीते का क्वारेंटाइन शुरू हो गया है। 1 महीने के क्वारेंटाइन पीरियड के बाद ये चीते दिसंबर के आखिर में भारत आएंगे। भारत पहुंचने के बाद उन्हें श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में लाया जाएगा, जहां उन्हें एक महीने तक क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। इसके बाद तय होगा कि वे स्थायी रूप से कहां रहेंगे।
बताया जा रहा है कि मंदसौर की गांधी सागर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में अभी तीन ही चीते हैं, जबकि सेंटरी में आठ चीते रखे जा सकते हैं। प्रबंधन की माने तो सागर और दमोह के बीच रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नौरादेही जंगल को भी चीते के लिए तैयार किया जा रहा है। यहां सेंट्रल कैंपा फंड से पांच क्वारेंटाइन बोमा और इतने ही सॉफ्ट रिलीज बोमा बनाए जा रहे हैं। ऐसे में चीतों की नई बसावट यहां भी हो सकती है।
भारत में अभी कुल 27 चीते
भारत की धरती से लगभग 78 वर्ष पहले विलुप्त हो चुके चीता की पुनः बसावट कूनो राष्ट्रीय उद्यान में की गई है। इसके लिये 2022 में नामीबिया से 8 चीते लाए गए। फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। यहां की वातावरण और परिवेश में ढलने के बाद चीतों ने अपना कुनबा बढाया और भारत में अब कुल 27 चीते हैं, हालांकि किन्हीं परिस्थितियों के चलते 19 चीतों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन वर्तमान में अभी भारत में 27 चीता है। जिनमें 16 चीता ऐसे हैं जिन्होंने भारतीय धरती पर ही जन्म लिया है।
हिन्दुस्थान समाचार/मोहनदत्त शर्मा
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा